Banda News: बांदा जिले से मंगलवार को दिल को झकझोर देने वाली खबरें सामने आई हैं, जहां अलग-अलग घटनाओं में एक किसान, एक किशोरी और एक युवक ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। तीनों घटनाओं में एक जैसी कड़ियाँ सामने आई हैं – घरेलू तनाव, कर्ज का दबाव और अपनों की नाराज़गी।
कर्ज के बोझ से तंग किसान ने की आत्महत्या
बबेरू कोतवाली क्षेत्र के भाटी गांव निवासी 60 वर्षीय राम करन, जिनके पास लगभग 10 बीघे खेती योग्य जमीन थी, ने खेत में नीम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना मंगलवार सुबह की है।
परिजनों के अनुसार, राम करन ने आर्यावर्त बैंक की पखरौली शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत दो लाख रुपये का कर्ज लिया था। चार साल में यह कर्ज और बढ़ गया था, और रविवार को उन्हें बैंक की तरफ से नोटिस थमा दिया गया। नोटिस में कर्ज न चुकाने पर जेल भेजे जाने की चेतावनी दी गई थी।
मृतक के बेटे ललित ने बताया कि “नोटिस मिलने के बाद से पिताजी बेहद परेशान थे। दो दिन से उन्होंने खाना-पीना भी छोड़ दिया था। कमासिन सोसायटी के लोग भी बार-बार कर्ज चुकाने का दबाव बना रहे थे। इसी मानसिक तनाव में उन्होंने यह कदम उठा लिया।”
ग्रामीणों ने राम करन का शव पेड़ से लटका देखा तो परिवार को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मां की डांट से दुखी 13 साल की बच्ची ने दी जान
दूसरी घटना कमासिन थाने के तिलौसा गांव से है, जहां 13 वर्षीय रीना ने घर के कामकाज को लेकर मां की डांट से आहत होकर छप्पर की धन्नी से दुपट्टा बांधकर फांसी लगा ली।
बताया गया कि रीना के पिता सूरत में मजदूरी करते हैं और वह अपनी मां के साथ गांव में रहती थी। मामूली सी डांट-फटकार को वह सह नहीं सकी और यह दुखद कदम उठा लिया। घटना के बाद परिवार में मातम छा गया। मां की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
पिता की फटकार से आहत युवक ने की आत्महत्या
तीसरी घटना नरैनी कोतवाली क्षेत्र के सियारपाखा गांव की है, जहां 30 वर्षीय प्रमोद ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, प्रमोद शराब पीने का आदी था और सोमवार रात नशे की हालत में घर में हंगामा कर रहा था।
जब उसके पिता भगवानदीन ने उसे फटकारा तो वह अंदर कमरे में चला गया और दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर तक कोई आवाज न आने पर जब दरवाजा तोड़ा गया, तो प्रमोद का शव फंदे से लटका मिला।
तीनों घटनाओं में पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और संबंधित मामलों की जांच की जा रही है। तीन जानें, तीन अलग कहानियां – लेकिन सबका अंत एक जैसी पीड़ा में हुआ।

Author: Shivam Verma
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