Banda News: शहर की पुरानी परंपराओं और सामाजिक संरचना का अहम हिस्सा रही इमामबाड़ा कमेटी में अब नेतृत्व को लेकर विवाद गहराने लगा है। कमेटी के दो दर्जन से अधिक सदस्यों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए सिरे से चुनाव कराए जाने की माँग उठाई।
ज्ञापन देने पहुँचे इमामबाड़ा सदस्यों ने वर्तमान अध्यक्ष शीबू नियाज़ी पर तानाशाही रवैया अपनाने और चुनाव प्रक्रिया को जानबूझकर टालने का गंभीर आरोप लगाया। गुलाब बाग इमामबाड़ा के प्रतिनिधि सलीम ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 जून 2025 को ताज गार्डेन में एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सभी खलीफाओं ने पुनः चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन अध्यक्ष ने किसी की बात नहीं सुनी और मनमाने ढंग से बैठक को अमान्य घोषित कर दिया।
सलीम ने आरोप लगाया कि बैठक में किसी भी खलीफा को अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी गई और कुछ खलीफाओं की आंशिक सहमति के आधार पर स्वयं को पुनः अध्यक्ष घोषित कर दिया गया। विरोध करने वालों को झूठे मुकदमे में फंसाने और जेल भेजने की धमकी तक दी गई। इससे नाराज होकर आज सभी प्रमुख इमामबाड़ों के सरपरस्त और खलीफा एकजुट होकर जिलाधिकारी से चुनाव कराने की माँग करने पहुँचे।
पीर बक्श उर्फ गुड्डू ने भी अध्यक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा, “जिसे हमने तीन साल पहले चुना था, वह अब छावनी मोहल्ले तक ही सीमित रह गया है। हमें ऐसा अध्यक्ष चाहिए जो सभी इमामबाड़ों की समस्याओं को सुने और ज़मीन पर उतरकर समाधान करे। तीन साल पूरे हो चुके हैं, अब निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराया जाना जरूरी है।”
बता दें कि बाँदा शहर में इमामबाड़ों की ऐतिहासिक परंपरा सदियों पुरानी है, जहाँ ढाल-सवारियां निकाली जाती हैं और अलाव खेला जाता है। इन्हीं धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के संचालन के लिए इमामबाड़ा कमेटी का गठन वर्षों से होता आ रहा है।
3 वर्ष पूर्व कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष वहीद नेता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद रॉयल मैरिज हॉल में व्यापक चुनाव प्रक्रिया के तहत शीबू नियाज़ी को अध्यक्ष चुना गया था। अब कार्यकाल समाप्त होने पर नए नेतृत्व की माँग ज़ोर पकड़ती दिख रही है।

Author: Shivam Verma
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