Bareilly News: बरेली जिले के मीरगंज कस्बे में एक युवती की बिना किसी जांच के इलाज से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। बिना पंजीकरण और योग्यता के मरीजों का इलाज कर रहे एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा और मौके पर ही क्लीनिक को सील कर दिया।
स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई आज मीरगंज कस्बे में की गई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. विनय कुमार पाल के निर्देशन में गठित टीम ने जब क्लीनिक पर दबिश दी, तो वहां कई मरीज भर्ती पाए गए। जांच में सामने आया कि क्लीनिक पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित हो रहा था। न तो डॉक्टर के पास कोई पंजीकरण था और न ही क्लीनिक का कोई कानूनी दस्तावेज।
कार्रवाई में यह अधिकारी रहे शामिल
छापेमारी टीम में डॉ. रोहन दिवाकर, फार्मासिस्ट हेमलता और स्वास्थ्य कर्मी अजय कुमार प्रमुख रूप से मौजूद रहे। टीम ने क्लीनिक की जांच-पड़ताल के बाद उसे तत्काल प्रभाव से सील कर दिया। इस पूरी कार्रवाई की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) बरेली को भेज दी गई है, और अब आगे की कानूनी कार्रवाई सीएमओ के आदेशानुसार की जाएगी।
डॉ. विनय कुमार पाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “स्वास्थ्य विभाग आम नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। क्षेत्र में जितने भी अवैध व अपंजीकृत क्लीनिक चल रहे हैं, उनकी पहचान की जा रही है और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
ऐसे छापे चलते रहने चाहिए
इस कार्रवाई के बाद कस्बे में लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि कई सालों से ऐसे फर्जी डॉक्टर गरीब जनता का शोषण कर रहे हैं। इलाज के नाम पर मोटी फीस वसूलते हैं लेकिन ना तो इनके पास डिग्री है और ना ही इलाज का अनुभव।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की तत्परता की सराहना करते हुए मांग की कि इस तरह के झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार ऐसे ही लगातार एक्शन लिए जाएँ ताकि आगे ऐसी घटनाओं को खत्म किया जा सके।
(रिपोर्ट: लादेन मंसूरी, संवाददाता – बरेली)

Author: Shivam Verma
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