हापुड़: डीआईजी मेरठ रेंज कलानिधि ने जनपद हापुड़ स्थित कंट्रोल रूम और डायल-112 का वार्षिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस पेंशनर्स के साथ गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
निरीक्षण के दौरान दिए गए निर्देश:
- कर्मचारियों की वर्दी: सभी अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी के दौरान निर्धारित वर्दी पहनना सुनिश्चित करें।
- भौगोलिक जानकारी: कंट्रोल रूम के सभी कर्मचारियों को जनपद की भौगोलिक स्थिति की जानकारी होना अनिवार्य है।
- सीसीटीवी और ट्रैफिक कंट्रोल: ट्रैफिक कंट्रोल रूम को सीसीटीवी कंट्रोल रूम से जोड़ा जाए, ताकि किसी भी घटना पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
- चौकी इंचार्ज की लोकेशन: चौकी इंचार्ज की लोकेशन दिन और रात में आकस्मिक रूप से दो बार ली जाए।
- सीयूजी नंबर: सभी चौकी इंचार्जों के सीयूजी नंबर की सूची कंट्रोल रूम और डायल-112 में चस्पा होनी चाहिए।
- ड्यूटी शेड्यूल: ऑपरेटरों के कार्य वितरण का चार्ट तैयार कर स्पष्ट रूप से लगाया जाए।
डायल-112 के निर्देश:
- डायल-112 में ROIP प्रणाली के तहत एक उप निरीक्षक हमेशा ड्यूटी पर तैनात रहेगा और सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को संबंधित अधिकारियों को साझा करेगा।
- पीआरवी-112 वाहनों का रूट संवेदनशीलता के आधार पर तय किया जाएगा।
- किसी कर्मचारी को बार-बार एक ही स्थान पर ड्यूटी पर न लगाया जाए और ड्यूटी में संतुलन बनाए रखा जाए।
- ऐसे कर्मियों को उन थानों की पीआरवी ड्यूटी पर न लगाया जाए जहां वे पहले तैनात रहे हों।
गोष्ठी के दौरान पेंशनर्स से संवाद कर उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए निर्देश दिए गए। हर थाने पर पेंशनर्स की नियमित मासिक गोष्ठी आयोजित करने और बीट आरक्षी की बीट बुक में पेंशनर्स का विवरण अंकित करने का आदेश दिया गया। पेंशन से जुड़े प्रकरणों को समय पर निपटाने के लिए भी निर्देशित किया गया। पुलिस पेंशनर्स की समस्याओं का समाधान थाना स्तर पर सुनिश्चित करने की अपील की गई, ताकि उन्हें मुख्यालय आने की असुविधा का सामना न करना पड़े।
यह वार्षिक निरीक्षण न केवल प्रशासनिक कार्यक्षमता को बेहतर बनाने का प्रयास था, बल्कि पुलिस पेंशनर्स के साथ संवाद कर उनके लिए सहूलियतें बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी।
-रिपोर्ट विमलेश सिंह ब्यूरो प्रमुख उत्तर प्रदेश