Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में हाल ही में आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में पर्चा लीक कांड ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है कि इस पूरे घोटाले की साजिश गोरखपुर में रची गई थी और इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स, बक्शीपुर स्थित परीक्षा केंद्र इसका केंद्र बिंदु था।
ईडी को मिली अहम जानकारियां
ईडी की लखनऊ जोनल टीम ने जब परीक्षा का पर्चा छापने वाली कंपनी एजुटेट सॉल्यूशन लिमिटेड के डायरेक्टर विनीत आर्या से पूछताछ की, तो मामले की कई परतें खुलीं। जांच में यह भी पता चला कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक मशीन लगाने की जिम्मेदारी जिस कंपनी को सौंपी गई थी — इनोवेटिव व्यू लिमिटेड — उसी कंपनी की यूनिफॉर्म और आईडी कार्ड का इस्तेमाल करके अभ्यर्थी दुर्गेश कुमार परीक्षा केंद्र में अंदर घुसा था।
नकली आधार कार्ड और सॉल्वर का खेल
दुर्गेश कुमार के नाम से फर्जी आधार कार्ड तैयार करवाया गया था, जिसकी मदद से अंजनी यादव नामक सॉल्वर परीक्षा देने के लिए केंद्र में प्रवेश कर गया। उसी समय दुर्गेश ने मोबाइल फोन के जरिए प्रश्नपत्र लीक करके गिरोह के मुख्य सरगना तक पहुंचा दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि परीक्षा केंद्र में दुर्गेश ने जिस सहजता से प्रवेश किया, उससे साफ है कि परीक्षा केंद्र से जुड़े कुछ कर्मचारी भी इस साजिश में शामिल थे।
एजेंसी की वर्दी और आईडी से मिली सेंध
जब ईडी की टीम ने दुर्गेश को पकड़ा, तो उसके पास यूपी पुलिस रिक्रूटमेंट सिक्योरिटी एजेंसी का फर्जी आईडी कार्ड लटका हुआ था। विनीत आर्या से पूछताछ में यह बात सामने आई कि इनोवेटिव व्यू लिमिटेड के कर्मचारियों की वर्दी और पहचान पत्रों का दुरुपयोग करके इस साजिश को अंजाम दिया गया।
परीक्षा केंद्र में ‘कर्मचारी’ बना अभ्यर्थी
दुर्गेश को परीक्षा केंद्र पर इनोवेटिव व्यू कंपनी का कर्मचारी बता कर ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया था। इससे उसे मोबाइल फोन लेकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने में कोई कठिनाई नहीं हुई। ऐसा संदेह है कि यही तरीका अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी अपनाया गया होगा। ईडी इस पहलू की भी गहराई से जांच कर रही है।
कई स्कूल और अधिकारी जांच के घेरे में
ईडी ने इनोवेटिव व्यू लिमिटेड के अधिकारी आशीष अग्रवाल को नोटिस भेजा है। हालांकि पहले भी उन्हें तलब किया गया था, लेकिन वे ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे। अब दोबारा पूछताछ की तैयारी हो रही है। साथ ही एजुटेट सॉल्यूशन लिमिटेड के अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। विनीत आर्या और दो अन्य लोगों से हुई पूछताछ में कई अन्य स्कूलों और अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं, जो इस संगठित अपराध से जुड़े हो सकते हैं।
आरोपियों को फिर लिया जाएगा रिमांड पर
ईडी ने मामले में कुछ नए तथ्यों की पुष्टि के लिए जेल में बंद मुख्य आरोपियों राजीव नयन, सुभाष प्रकाश और डॉ. रवि को दोबारा रिमांड पर लेने की योजना बनाई है। जांच एजेंसी को विश्वास है कि इनसे पूछताछ में पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सकेगा।

Author: Shivam Verma
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