Gorakhpur News: गोरखपुर की सुबह एक बार फिर उम्मीदों से भरी नजर आई, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन गोरखनाथ मंदिर परिसर में जनता दर्शन आयोजित कर करीब 300 लोगों की समस्याएं सुनीं। हर फरियादी से आत्मीयता से बात कर उन्होंने भरोसा दिलाया – “किसी को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार आपके साथ खड़ी है। किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।”
जनता से सीधे बातचीत
गोरखनाथ मंदिर परिसर में स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर कुर्सियों पर बैठे लोगों तक मुख्यमंत्री स्वयं पहुंचे। एक-एक कर सबकी बातें सुनीं और उनके प्रार्थना-पत्र अधिकारियों को सौंपते हुए स्पष्ट निर्देश दिए – “हर समस्या का निस्तारण न केवल त्वरित हो, बल्कि गुणवत्तापूर्ण और संतोषजनक भी होना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने अफसरों को सख्त हिदायत दी कि कोई भी पीड़ित खाली हाथ न लौटे। खासकर जमीन से जुड़े मामलों में उन्होंने बेहद गंभीर रुख अपनाया। जब कुछ महिलाओं ने जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा करने की शिकायत की, तो सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा – “ऐसे लोगों को भू-माफिया के रूप में चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करें। गरीबों की जमीन हड़पने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए जो मिसाल बने।”
पारिवारिक विवादों में ‘बातचीत’ से निकालें समाधान
जनता दर्शन में कई लोग पारिवारिक झगड़ों से जुड़ी शिकायतें लेकर आए थे। मुख्यमंत्री ने इन मामलों में अधिकारियों को सलाह दी कि सबसे पहले सभी पक्षों को एक जगह बैठाकर बातचीत कराई जाए। “संवाद से ही समाधान निकलता है,” सीएम ने दो टूक कहा।
जनता दर्शन में कुछ महिलाएं अपने बच्चों को भी साथ लाई थीं। बच्चों को देखकर मुख्यमंत्री योगी का स्नेह उमड़ पड़ा। उन्होंने बच्चों को दुलारा, उनसे पढ़ाई की बातें कीं और चॉकलेट देकर उन्हें खूब पढ़ने की प्रेरणा दी। एक नन्हा बच्चा जब चॉकलेट का रैपर नहीं खोल पाया, तो मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से रैपर खोलकर उसे खिलाया। यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान बिखेर गया।
सीएम की मंदिर दिनचर्या
गोरखनाथ मंदिर में प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी की सुबह की दिनचर्या पूरी तरह पारंपरिक रही। उन्होंने सबसे पहले गुरु गोरखनाथ के दर्शन किए और फिर अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद गोशाला जाकर गायों की सेवा की।
मंदिर परिसर में भ्रमण करते हुए एक मोर को उन्होंने केला और रोटी खिलाई। यह दृश्य भी मुख्यमंत्री की मानवीय संवेदना और पशु-पक्षियों के प्रति उनके स्नेह को दर्शाता है।

Author: Shivam Verma
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