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Gorakhpur News: गीता प्रेस गोरखपुर का 100 करोड़ पुस्तकों का लक्ष्य, 26 एकड़ में खुलेगा नया प्रिंटिंग यूनिट

Geeta Press Gorakhpur will open a new printing unit on 26 acres
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Gorakhpur News: एक सदी से भी अधिक समय से देश-दुनिया में धार्मिक जागरूकता फैलाने वाली गीता प्रेस (Geeta Press Gorakhpur) अब अपने विस्तार की ओर अग्रसर है। दुनिया में धार्मिक पुस्तकों के सबसे बड़े प्रकाशन संस्थानों में शुमार यह संस्था अब एक नया इतिहास रचने की तैयारी में है। गीता प्रेस ने अगले 25 वर्षों में 100 करोड़ धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन का लक्ष्य तय किया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, गोरखपुर के गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) क्षेत्र में 26 एकड़ में एक आधुनिक प्रिंटिंग यूनिट की स्थापना की जा रही है।

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100 वर्षों की प्रेरणादायक यात्रा

गीता प्रेस की स्थापना वर्ष 1923 में हुई थी और तब से लेकर अब तक इसने 100 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें प्रकाशित कर जनमानस में सनातन संस्कृति की गहरी जड़ें मजबूत की हैं। वर्तमान में यह संस्था 1850 से अधिक प्रकार की पुस्तकें 15 भाषाओं में प्रकाशित करती है, जिनमें प्रमुख रूप से रामचरित मानस, श्रीमद्भगवद्गीता, व्रत कथाएं, और उपदेशात्मक साहित्य शामिल हैं।

गीडा में नई यूनिट की तैयारी

नए विस्तार को लेकर गीता प्रेस प्रबंधन ने बीते कुछ महीनों में शासन-प्रशासन से कई दौर की बैठकें की हैं। प्रारंभ में 20 एकड़ भूमि की योजना बनी थी, लेकिन बाद में संशोधित होकर अब 26 एकड़ भूमि पर सहमति बनी है। यह भूमि वरुण बेवरेज के पास, खजनी लिंक रोड और नेशनल हाईवे के टी-प्वाइंट के समीप स्थित है — जो कि औद्योगिक विकास और परिवहन के लिहाज से उपयुक्त मानी जा रही है।

गीता प्रेस के प्रबंधक डॉ. लालमणि तिवारी ने जानकारी दी कि नई यूनिट में अत्याधुनिक प्रिंटिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे पुस्तकों की छपाई न केवल तेज होगी बल्कि उनकी गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही, प्रकाशनों की भाषाई विविधता को और बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।

सनातन संस्कृति की बढ़ती मांग

पिछले कुछ वर्षों में देशभर में सनातन संस्कृति और धार्मिक आयोजनों को लेकर बढ़ती चेतना के चलते गीता प्रेस की पुस्तकों की मांग में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है। प्रयागराज के महाकुंभ जैसे आयोजनों में गीता प्रेस ने करोड़ों रुपये की पुस्तकें बेचीं। इसका मुख्य कारण है धार्मिक पुस्तकों के प्रति आम जनमानस का बढ़ता रुझान और आध्यात्मिक साहित्य की प्रामाणिकता के प्रति विश्वास।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा सनातन संस्कृति को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रमों ने भी इस मांग को नई ऊर्जा दी है। गीता प्रेस ने देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में रामचरित मानस का प्रकाशन कर यह सुनिश्चित किया है कि हर भाषा-भाषी तक धर्म की बातें सरलता से पहुंच सकें।

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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