Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश को पूर्व से पश्चिम तक सीधी, तेज और सुगम कनेक्टिविटी देने के लिए एक बड़ी परियोजना पर काम शुरू हो गया है। गोरखपुर से हरियाणा के पानीपत तक बनने जा रहा नया एक्सप्रेसवे प्रदेश ही नहीं, पूरे उत्तर भारत के लिए एक अहम मार्ग बनने जा रहा है। करीब 750 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को जोड़ते हुए हरियाणा में प्रवेश करेगा। यह यूपी का अब तक का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जो मौजूदा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी पीछे छोड़ देगा।
बदला एंट्री प्वाइंट, बढ़ा दायरा
शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे को गोरखपुर के कैम्पियरगंज के पास से शुरू करने की योजना थी, लेकिन अब इसका एंट्री प्वाइंट गोरखपुर-महराजगंज रोड पर मेडिकल कॉलेज के पास निर्धारित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य इसे सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जोड़ने का है, जिससे बिहार और पश्चिम बंगाल से उत्तर भारत की कनेक्टिविटी और भी बेहतर हो सके।
कौन-कौन से जिले होंगे एक्सप्रेसवे से जुड़े
इस एक्सप्रेसवे का प्रस्तावित रूट गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली होते हुए हरियाणा के पानीपत तक जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाएंगी लागत
इस परियोजना के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार मिलकर लागत वहन करेंगी। निर्माण की प्रक्रिया को गति देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक्सप्रेसवे के लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करना शुरू कर दिया है।
गोरखपुर के 50 गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
गोरखपुर जिले के तहसील सदर और कैम्पियरगंज के 50 गांव इस एक्सप्रेसवे के रूट में आएंगे। एनएचएआई ने इन गांवों के भू-राजस्व मानचित्र जिला प्रशासन से मांगे हैं ताकि यह आकलन किया जा सके कि किन-किन इलाकों से गुजरने पर कितनी लागत आएगी और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया कैसे संचालित होगी।
तहसील सदर के 31 गांव और कैम्पियरगंज के 19 गांव इस परियोजना में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। भूमि की प्रकृति, कृषि क्षेत्र और जनसंख्या को देखते हुए एक्सप्रेसवे का एलाइंमेंट तय किया जाएगा।
जिलाधिकारी का बयान
गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के अनुसार, गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे के डीपीआर के लिए एनएचएआई ने आवश्यक मानचित्र मांगे हैं, जिन्हें जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके बाद एलाइंमेंट तय कर निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
यदि यह एक्सप्रेसवे तय योजना के अनुसार बनता है, तो यह जगदीशपुर जंगल कौड़िया फोरलेन से जुड़कर कुशीनगर और बिहार की ओर जाने का भी एक प्रमुख मार्ग बन जाएगा। साथ ही नयनसर के पास यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से भी जुड़ सकेगा।
प्रस्तावित गांवों की सूची
कैम्पियरगंज के गांव: हिरुआ, डुमरिया बाबू, कंदर खावा, लक्ष्मीपुर, बढ़या, चौक माफी, शाखी, बरघटा, नीबी, इटवा, बेलघाट बुजुर्ग, रमवापुर, नरायनपुर, रामूघाट, नैंनसर, रामपुर, जरहद, गायघाट आदि।
तहसील सदर के गांव: बढ़नी, सियारामपुर, महराजगंज, ठाकुरपुर नंबर एक व दो, जंगल डुमरी नंबर एक, खुटहन खास, जंगल अयोध्या प्रसाद, एकला नंबर दो, साल्हपुर औरंगाबाद, अशरफपुर, मेहदिया, रसूलपुर गोनिया, रामपुर बुजुर्ग, जमुनिया, रामपुर थवईपार, आराज़ी बरवा, तेंदुआ, गंभीरपुर कम्हरिया, नबीपुर, परशुरामपुर, सोनराइच, सिधावल, पिपराइच, हरसेवकपुर, जोधपुर, महुअवा खुर्द, भपुरवा, गौरा, राउतपुर आदि।

Author: Shivam Verma
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