Jaunpur News: जौनपुर के जलालपुर थाना क्षेत्र के पुरेव गांव में पुलिस की एक गलती ने प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कुर्की आदेश किसी और व्यक्ति के खिलाफ था, लेकिन पुलिस ने गलती से किसी और की फसल जब्त कर ली। इस मामले को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है और पीड़ित किसान ने न्याय की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
पुरेव गांव के बुजुर्ग किसान ओम प्रकाश सिंह, जो पार्किंसंस रोग से पीड़ित हैं, अपनी आराजी संख्या 1334 और 1430 पर गेहूं की फसल उगा रहे थे। 31 मार्च को जब वे हार्वेस्टर से फसल कटवा रहे थे, तभी थाना जलालपुर के उपनिरीक्षक और सिपाही मौके पर पहुंचे और कटाई रुकवा दी। इसके बाद पुलिस ने उनकी कटी हुई फसल को ट्रैक्टर में लादकर थाने ले गई।
जब ओम प्रकाश सिंह ने इसका कारण पूछा, तो पुलिस ने बताया कि यह जमीन कुर्की में शामिल है। लेकिन जब उन्होंने अपने कागजात दिखाए, तब पता चला कि कुर्की का आदेश शरद कुमार और शिशिर कुमार के खिलाफ था, और उनकी आराजी संख्या भी अलग थी।
न्याय की मांग
ओम प्रकाश सिंह ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि पुलिस ने बिना जांच-पड़ताल किए उनकी मेहनत की कमाई जब्त कर ली। उन्होंने कहा कि इस घटना से न केवल उन्हें मानसिक पीड़ा हुई, बल्कि उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा है।
इस घटना के बाद ग्रामीणों में नाराजगी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर प्रशासन इस तरह बिना जांच के कार्रवाई करेगा, तो आम जनता का क्या होगा? जब इस मामले में जलालपुर थाना अध्यक्ष से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि एसडीएम के आदेश पर कार्रवाई की गई है और फसल एक ही परिवार की थी, इसलिए जब्ती हुई। लेकिन ग्रामीणों और पीड़ित परिवार का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से प्रशासन की गलती है।
इस मामले ने प्रशासनिक कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ओम प्रकाश सिंह और उनके परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन इस घटना ने यह जरूर दिखा दिया है कि प्रशासन की एक छोटी सी गलती भी किस तरह एक किसान के जीवन पर भारी पड़ सकती है।

Author: Shivam Verma
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