Jhansi News: मोंठ तहसील परिसर मंगलवार और बुधवार को दो आत्मदाह की कोशिशों का गवाह बना। लगातार दूसरे दिन एक पीड़ित ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग के हवाले करने का प्रयास किया। बुधवार को सामने आए मामले में एक युवक ने गांव के ही दबंगों पर जमीन का पैसा न देने और पुलिस द्वारा सुनवाई न किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला
बुधवार दोपहर लगभग 12 बजे समथर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलमा निवासी मनोज राजपूत (30 वर्ष) पुत्र स्वर्गीय रामकुमार एक बोतल में पेट्रोल लेकर मोंठ तहसील पहुंचा। वहां बिना किसी से बात किए उसने बोतल का ढक्कन खोला, पेट्रोल अपने ऊपर उड़ेला और कुछ पी भी लिया। वह खुद को आग लगाने ही वाला था कि तभी वहां मौजूद होमगार्ड जवानों ने तत्परता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और आत्मदाह की कोशिश को नाकाम कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। एसडीएम मोंठ ने तत्काल सरकारी वाहन की व्यवस्था कर मनोज को मोंठ सीएचसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद युवक की हालत में सुधार हुआ।
पीड़ित का आरोप: जमीन बेची, लेकिन पूरी रकम नहीं मिली
ट्रामा सेंटर में उपचार के दौरान मनोज ने बताया कि उसने गांव के ही कुंवर बहादुर राजपूत पुत्र हरनारायण राजपूत को लगभग 1.25 बीघा जमीन पांच लाख रुपये में बेची थी। लेकिन उसे केवल तीन लाख रुपये ही मिले, बाकी दो लाख रुपये अब तक नहीं दिए गए। कई बार पैसे मांगने पर भी उसे टाल दिया गया।
मनोज का कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से वह मानसिक रूप से टूट गया है। उसका हाथ भी टूटा हुआ है और काम करने की स्थिति में नहीं है। उसने कहा, “मैं पेट्रोल पीकर जान देना चाहता था, अब जीने का कोई मतलब नहीं बचा।”
पुलिस पर लगाए लापरवाही के आरोप
पीड़ित का कहना है कि उसने समथर थाने में दो दिन पहले इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। वह लगातार थाने के चक्कर लगाता रहा लेकिन न तो कोई रिपोर्ट लिखी गई और न ही आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई।
मोंठ तहसील में दो दिनों के भीतर दूसरी बार आत्मदाह की कोशिश ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार को भी एक दिव्यांग युवक प्रीतम अहिरवार ने पेट्रोल डालकर खुद को जलाने का प्रयास किया था। ऐसे में तहसील परिसर में ज्वलनशील पदार्थ लेकर पहुंचने वाले लोगों को रोकने की कोई ठोस व्यवस्था नजर नहीं आ रही।
पुलिस प्रशासन की सफाई
इस मामले में एसपी देहात डॉ. अरविन्द कुमार ने बताया कि युवक सोमवार को थाने आया था और उस वक्त वह नशे की हालत में था। उसने केवल मौखिक रूप से अपनी बात कही थी। जब उससे लिखित तहरीर मांगी गई, तो वह वहां से चला गया। मंगलवार को पुलिस जब जांच के लिए गांव गई, तो युवक वहां मौजूद नहीं मिला।
एसपी ने कहा, “युवक द्वारा उठाया गया कदम अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। जमीन के लेन-देन का मामला है, जिसकी निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। युवक की हर संभव मदद की जाएगी।”

Author: Shivam Verma
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