Kanpur News: कानपुर देहात जिले के डेरापुर तहसील के अंतर्गत जरहौली गांव में अचानक फैली बीमारी ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना दिया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, गांव में दूषित पानी पीने से अब तक करीब 35 ग्रामीण बीमार हो चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार, इनमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि, इस संबंध में प्रशासनिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
गाँव में अचानक बढ़े मरीज
बीमारों में मुख्य रूप से बुखार, दस्त, उल्टी, और डायरिया जैसे लक्षण पाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी का प्रसार इतनी तेजी से हुआ कि कई घरों में एक से अधिक सदस्य एक साथ बीमार हो गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिलने के बाद गांव में तैनात किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने किया शिविर का आयोजन
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर तत्काल स्वास्थ्य शिविर लगाया। इस दौरान लगभग 40 लोगों की जांच की गई। जांच के बाद पांच गंभीर मरीजों को एंबुलेंस के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।
डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि जांच में छह लोग बुखार से पीड़ित पाए गए, चार में कमजोरी के लक्षण मिले, जबकि करीब 30 लोग पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे डायरिया और उल्टी से जूझ रहे हैं। सभी मरीजों को दवा दी गई और आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं।
बीमारी के फैलाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव में सफाई अभियान शुरू कर दिया है। एंटी लार्वा दवाओं का छिड़काव किया गया है ताकि मच्छरों और संक्रमण फैलाने वाले कीटों को नियंत्रित किया जा सके।
पाइपलाइन से लीकेज, दूषित पानी से बढ़ी बीमारी
गांव के निवासियों ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत गांव में पानी की टंकी का निर्माण कार्य अभी अधूरा है। इसी दौरान डायरेक्ट समर से बिछाई गई पेयजल पाइपलाइन से जगह-जगह पर लीकेज होने के कारण गंदा पानी सप्लाई हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि पाइपलाइन में गंदा पानी मिलकर घरों तक पहुंच रहा है, जिससे गांव में बीमारी फैल रही है। ग्रामीणों माखन सिंह, प्रहलाद सिंह, संदीप और अन्य ने समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है। साथ ही जल निगम और पेयजल विभाग के प्रति नाराजगी भी जाहिर की है।
चिकित्सा टीम में शामिल रहे विशेषज्ञ
बीमारी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष टीम गठित की। इस टीम में नेत्र परीक्षण अधिकारी वी.के. गोस्वामी, निदा सत्तार, लैब टेक्नीशियन अरविंद बैद्ध, एएनएम सरोज, डॉ. पी.डी. चतुर्वेदी और फार्मासिस्ट शशांक शेखर शामिल रहे। इन विशेषज्ञों ने गांव में घर-घर जाकर लोगों की जांच की और आवश्यक दवाएं वितरित कीं।
चिकित्सा प्रभारी डॉ. दीपक गुप्ता के अनुसार, बीमारी फैलने का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्राथमिक जांच और ग्रामीणों से मिली जानकारी के आधार पर संभावना जताई जा रही है कि लीकेज पाइपलाइन में मिल रहे दूषित पानी के सेवन से लोग बीमार हुए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

Author: Shivam Verma
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