Kushinagar News: जिले में कृषि विभाग की छापेमारी और लाइसेंस निलंबन जैसी लगातार हो रही कार्रवाइयों से उर्वरक, बीज और कीटनाशक व्यापारियों में गहरा असंतोष फैल गया है। कुशीनगर के उर्वरक व्यापारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन भेजकर विभागीय रवैये पर गंभीर चिंता जताई है।
व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि खाद की आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उनके अनुसार, उत्पादक कंपनियां अब खाद की डिलीवरी खुदरा दुकानों तक एफओआर (फ्री ऑन रोड) सुविधा के साथ नहीं कर रहीं, जिससे व्यापारियों को ढुलाई, भाड़ा और अन्य खर्च खुद उठाना पड़ रहा है। इस वजह से खाद की लागत बढ़ गई है और इसे सरकारी निर्धारित दरों पर बेचना उनके लिए संभव नहीं रह गया है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि कीटनाशकों की गुणवत्ता को लेकर व्यापारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और उनके लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि कीटनाशकों के नमूने आमतौर पर निर्माता कंपनियों के बैच के आधार पर लिए जाते हैं। ऐसे में अगर कोई उत्पाद अमानक पाया जाता है, तो जिम्मेदारी पूरी तरह निर्माता की होनी चाहिए, न कि विक्रेता की, जो बिना छेड़छाड़ के वही माल ग्राहकों तक पहुंचाते हैं।
बीज व्यापार को लेकर भी व्यापारियों ने नियमों में व्याप्त अस्पष्टता को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बीज अधिनियम 1966 और बीज नियंत्रण आदेश 1983 में प्रदेश या जिला स्तर पर लाइसेंस लेने की बाध्यता का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा अलग-अलग नियम बनाकर व्यापारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे व्यापार करना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है।
जिला उर्वरक व्यापारी संघ के अध्यक्ष, मंत्री सहित आठ सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर विभागीय दबाव और दमनात्मक कार्रवाई पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई, तो व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। उन्होंने आगाह किया कि ऐसी स्थिति में खरीफ सीजन के दौरान किसानों को खाद, बीज और कीटनाशकों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

Author: Shivam Verma
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