Lucknow News: राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर थाना क्षेत्र स्थित केसरीखेड़ा बस्ती में मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि एक भयानक हादसा घटित हुआ। एक झोपड़ी से उठी चिंगारी ने पूरे इलाके को अपने आगोश में ले लिया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और 200 से अधिक झोपड़ियां जलकर खाक हो गईं। राहत की बात यह रही कि इस भीषण आग में किसी की जान नहीं गई, लेकिन लोगों का सालों से बसा आशियाना पल भर में राख में तब्दील हो गया।
शॉर्ट सर्किट बना आग की वजह
स्थानीय लोगों और दमकल विभाग के मुताबिक, यह आग एक बिजली के पोल में शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई। चिंगारी ने सबसे पहले एक झोपड़ी को चपेट में लिया और फिर हवा और गर्मी की वजह से आग तेजी से फैलती गई। रात के अंधेरे में बस्ती में अचानक चीखपुकार मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए झोपड़ियों से बाहर दौड़ पड़े।
दमकल विभाग की टीम रातभर रही मुस्तैद
आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग अलर्ट मोड पर आ गया। सबसे पहले सरोजनी नगर से दो दमकल गाड़ियां और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। आग की गंभीरता को देखते हुए पूरे लखनऊ के विभिन्न फायर स्टेशनों से दमकल गाड़ियां बुलाई गईं। FSO मंगेश कुमार की अगुवाई में चला रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह तक जारी रहा और करीब साढ़े 8 बजे आग पर काबू पा लिया गया।
दमकल कर्मियों ने राहत की सांस लेते हुए बताया कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई। हालांकि, बस्ती में रहने वाले सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। आग में उनका सारा सामान, कागजात और जीवनभर की मेहनत जलकर राख हो गई।
बिजली विभाग पर उठ रहे सवाल
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों और पार्षद देवेंद्र यादव उर्फ जीतू ने बिजली विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्षद का कहना है कि इस बस्ती में लोग बीते 4-5 वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन न तो बिजली की उचित व्यवस्था की गई, न ही सुरक्षा के कोई मानक अपनाए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बस्ती के लोग विभागों को पैसे देते रहे, जिससे कोई कार्रवाई नहीं की गई।

Author: Shivam Verma
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