Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विदेशी युवतियों की मौजूदगी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। चिनहट थाना क्षेत्र स्थित शक्ति हाइट्स अपार्टमेंट में 12 मार्च को हुई पुलिस छापेमारी में छह फ्लैटों से 10 थाईलैंड की युवतियां मिली थीं। अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। सोशल मीडिया पर अपार्टमेंट के मालिक शक्ति सिंह की समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव समेत अन्य बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
छापेमारी के दौरान क्या हुआ?
चिनहट पुलिस ने 12 मार्च को शक्ति हाइट्स अपार्टमेंट में छापा मारा, जहां छह फ्लैटों में 10 विदेशी युवतियां रह रही थीं। पुलिस ने जब उनसे रेंट एग्रीमेंट और ठहरने का कारण पूछा, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं। मौके पर किसी के पास वैध दस्तावेज नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने अपार्टमेंट मालिक शक्ति सिंह और रेंट वसूलने वाले अर्चित समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14ए, 7(1) और विदेशी पंजीकरण अधिनियम 1939 की धारा 5 के तहत मुकदमा दर्ज किया।
शक्ति सिंह का सपा कनेक्शन
इस केस में नया मोड़ तब आया, जब सोशल मीडिया पर शक्ति सिंह की तस्वीरें सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री डिंपल यादव, बागी विधायक राकेश प्रताप सिंह और पूर्व मंत्री पवन पांडेय समेत कई नेताओं के साथ वायरल होने लगीं। इसके बाद से विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
कई लोगों का आरोप है कि शक्ति सिंह समाजवादी पार्टी के करीबी हैं, जिसकी वजह से पुलिस उन पर सख्त कार्रवाई करने से बच रही है। वहीं, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
पुलिस जांच में क्या सामने आया?
पुलिस जांच में सामने आया कि छापेमारी के दौरान सिर्फ एक थाईलैंड की युवती के पास रेंट एग्रीमेंट था, बाकी युवतियां कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सकीं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आखिर ये युवतियां लखनऊ क्यों और कैसे आईं? क्या इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट काम कर रहा है? इंस्पेक्टर चिनहट ने बताया कि शक्ति सिंह ने रेंट एग्रीमेंट दिखाने का वादा किया है, लेकिन अभी वे शहर से बाहर हैं। उनके दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस केस में अन्य एंगल से भी जांच कर रही है।
बड़े रैकेट की संभावना?
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस मामले के तार किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट से जुड़े हो सकते हैं। इसलिए, युवतियों के संपर्क, उनके भारत आने के मकसद और यहां के नेटवर्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस बीच, विदेशी युवतियों से पूछताछ जारी है, ताकि मामले की गहराई तक पहुंचा जा सके।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस राजनीतिक दबाव में है? विपक्षी दलों का कहना है कि यदि किसी सामान्य नागरिक पर ऐसा मामला दर्ज होता, तो अब तक कार्रवाई हो चुकी होती। लेकिन इस केस में शक्ति सिंह के राजनीतिक संबंधों के कारण पुलिस हाथ बांधे बैठी है। वहीं, पुलिस का कहना है कि जांच निष्पक्ष रूप से चल रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Author: Shivam Verma
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