Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) कैंपस में 9 मई को हुई छात्र शुभम मलिक के साथ सरेआम मारपीट की घटना ने जहां विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे, वहीं पुलिस की मुस्तैदी ने आरोपियों की गिरफ्तारी से कानून व्यवस्था में भरोसा फिर से कायम कर दिया है। इस सनसनीखेज मामले में एक आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जबकि दूसरा पुलिस की पकड़ में आ गया।
सिद्धार्थ कसाना ने किया आत्मसमर्पण
पुलिस जांच में इस मारपीट कांड के दो मुख्य नाम सामने आए — सिद्धार्थ कसाना और आदित्य। दोनों पर मारपीट की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है। जानकारी के अनुसार, आदित्य पुत्र मनोज कुमार (निवासी कोटा, जनपद बुलंदशहर) को मेडिकल थाना पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद दबोच लिया, जबकि उसके साथी सिद्धार्थ कसाना (निवासी रामपुरा, जनपद हापुड़) ने बढ़ते पुलिस दबाव के चलते हापुड़ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस रिकॉर्ड में सिद्धार्थ ‘सीरियल अपराधी’
सिद्धार्थ का आपराधिक इतिहास देखकर खुद पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए। उसके खिलाफ मेरठ, हापुड़ समेत कई जिलों में अब तक 11 से अधिक गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या का प्रयास, बलवा, शस्त्र अधिनियम और एससी/एसटी एक्ट जैसी धाराएं शामिल हैं। वहीं, आदित्य पर भी मेडिकल थाने में पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। दोनों की आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए पुलिस इन्हें ‘अभ्यस्त अपराधी’ की श्रेणी में रख रही है।
एसएसपी के निर्देशन में तेजी से हुई कार्रवाई
घटना के बाद एसएसपी के निर्देश पर गठित विशेष पुलिस टीम ने इस पूरे मामले में बेहद चुस्ती दिखाई। इस टीम में उपनिरीक्षक सतीश कुमार, उपनिरीक्षक चंद्रकांत यादव, कांस्टेबल संजीत सिंह, कांस्टेबल सुनील नागर और कांस्टेबल प्रमोद कुमार शामिल थे। टीम ने न सिर्फ आदित्य को पकड़ने में सफलता पाई, बल्कि सिद्धार्थ के आत्मसमर्पण तक दबाव बनाए रखा।
मेडिकल थाना पुलिस ने साफ कर दिया है कि अपराधियों के लिए अब कोई राहत नहीं बचेगी। कानून का शिकंजा कस चुका है और जल्द ही बाकी अभियुक्तों पर भी कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

Author: Shivam Verma
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