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Meerut News: रात की मुठभेड़ में तीन शातिर गौ-तस्कर गिरफ्तार, सिर कलम कर बेचते थे मांस, बड़ा खुलासा

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Meerut News: मेरठ में गौ-तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। भावनपुर थाना पुलिस और स्वाट टीम की संयुक्त कार्रवाई में एक कुख्यात गैंग के तीन शातिर गौ-तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। इन पर आरोप है कि ये आवारा गौवंशों को रात के अंधेरे में इंजेक्शन से बेहोश कर काटते थे और सिर, खाल व पैर को झाड़ियों में फेंक देते थे, ताकि पहचान न हो सके।

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मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए आरोपी

यह कार्रवाई 5 जून की रात को की गई, जब पुलिस को सूचना मिली कि रिंग रोड, लडपुरा के पास पल्सर बाइक पर तीन संदिग्ध युवक घूम रहे हैं। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने भागने की कोशिश की और फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक तस्कर शोएब को गोली लगी, जिसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके दो साथी अब्दुल आहद और शाजिद उर्फ फाजिल को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।

कबूला अपराध, बेहोश कर करते थे गौवंशों का वध

गिरफ्तार बदमाशों ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि वे पहले गौवंशों को इंजेक्शन से बेहोश करते, फिर सुनसान जगह पर सिर कलम कर उनका मांस निकालते थे। मांस को वे खास ग्राहकों तक पहुंचाते और अवशेष — जैसे कि सिर, खाल और पैर — को झाड़ियों में फेंक देते थे ताकि कोई सबूत न बचे।

एक सिर से शुरू हुई पूरी जांच

1 जून को गोकुलधाम सोसाइटी के पास झाड़ियों में दो कटे हुए गौवंशों के सिर मिलने से सनसनी फैल गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए भावनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और एसएसपी मेरठ ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस की सतर्कता और मुखबिर की सूचना के आधार पर आखिरकार इस गिरोह पर शिकंजा कसा गया।

लंबा आपराधिक इतिहास, कई धाराओं में केस दर्ज

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, तीनों आरोपियों पर पहले से ही कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। शोएब के खिलाफ अकेले सात मामले दर्ज हैं जिनमें गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट और हथियारों की तस्करी शामिल है। इसके अलावा मेरठ और मुजफ्फरनगर में भी इन पर गौवध निवारण अधिनियम के अंतर्गत कई मामले दर्ज हैं। आरोपियों ने बताया कि उनका एक अन्य साथी यूसुफ दो दिन पहले ही पकड़ा गया था, जिसके बाद वे लगातार ठिकाना बदल रहे थे।

इस पूरे अभियान में भावनपुर थाना प्रभारी निरीक्षक कुलदीप सिंह और स्वाट टीम के उपनिरीक्षक रविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने अहम भूमिका निभाई। अधिकारियों ने बताया कि अभी इस गिरोह के कुछ सदस्य फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस नेटवर्क के अन्य चेहरों का भी खुलासा किया जाएगा।

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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