Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस विभाग से जुड़े एक दर्दनाक मामला सामने आया है। यूपी 112 पर तैनात सिपाही अमित कुमार (35) ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। घटना मझोला थाना क्षेत्र के लाइन पार प्रकाशनगर की है, जहां अमित किराये पर रह रहे थे। आत्महत्या से पहले लिखे गए सुसाइड नोट में उन्होंने अपने ही गाड़ी पर तैनात एक अन्य सिपाही और होमगार्ड को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही, 40 लीटर पेट्रोल को लेकर चल रहे विवाद का भी जिक्र किया है।
अमित कुमार का मूल निवास स्थान अमरोहा जिले के रजबपुर थाना क्षेत्र के अटेरना गांव में है। वर्ष 2016 में उन्होंने यूपी पुलिस में सिपाही के रूप में अपनी सेवाएं शुरू की थीं। वर्तमान में उनकी तैनाती मुरादाबाद जिले के यूपी 112 पीआरवी पर थी। परिवार में उनकी पत्नी संजू और दो बेटे ऋषभ व अंशुल हैं, जो अमरोहा के गजरौला में रहते हैं।
घर का दरवाजा अंदर से था बंद, खिड़की से देखा गया शव
रविवार सुबह जब मकान मालिक के परिवार के लोग ऊपर गए, तो अमित कुमार के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। संदेह होने पर उन्होंने अमित के मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांककर देखा गया तो सिपाही अमित कुमार का शव पंखे से लटका हुआ था। सूचना मिलते ही मझोला थाना प्रभारी मोहित चौधरी और सीओ कुलदीप गुप्ता पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर सिपाही का शव फंदे से लटका मिला।
सुसाइड नोट में लगाए गए गंभीर आरोप
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें अमित कुमार ने अपने ही साथ काम करने वाले सिपाही और होमगार्ड पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है और सुसाइड नोट की जांच की जा रही है।
40 लीटर पेट्रोल विवाद की वजह बना आत्महत्या का कारण?
सिपाही ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके साथ यूपी 112 पीआरवी पर तैनात अन्य पुलिसकर्मी और होमगार्ड उन्हें 40 लीटर पेट्रोल के लिए लगातार परेशान कर रहे थे। आरोप है कि पेट्रोल तो गाड़ी में भरवाया गया था, लेकिन कार्ड पर यह एंट्री नहीं हुई। इस गलती को लेकर साथी पुलिसकर्मी उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे, जिससे मानसिक तनाव बढ़ गया।
यूपी पुलिस से पहले पीएसी में कर चुके थे सेवा
सिपाही अमित कुमार वर्ष 2016 में पहले पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) में भर्ती हुए थे। इसके बाद वह यूपी पुलिस में सिपाही बने। उनके पिता सोमपाल सिंह अग्निशमन विभाग से चालक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अमित कुमार का परिवार गजरौला में रहता है, जबकि गांव में खेती-बाड़ी का काम चलता है।
अमित कुमार की आत्महत्या के बाद परिवार में गहरा शोक व्याप्त है। परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते इस मामले की जांच होती और अमित पर मानसिक दबाव न बनाया जाता, तो यह दुखद घटना टल सकती थी। परिवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

Author: Shivam Verma
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