Raebareli News: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के प्रस्तावित दौरे से ठीक पहले रायबरेली की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। जिले के हरचंदपुर क्षेत्र में लगे कुछ विवादित पोस्टरों और होर्डिंगों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इन पोस्टरों में राहुल गांधी पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रवाद के नाम पर विरोध दर्ज किया गया है।
पोस्टर में उठी कड़ी आपत्ति
हरचंदपुर के प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर लगे पोस्टरों में राहुल गांधी को निशाने पर लिया गया है। एक पोस्टर में लिखा गया है, “तुम जातिवाद से तोड़ोगे, तो हम राष्ट्रवाद से जोड़ेंगे। राहुल गांधी जी, कृपया हमारी रायबरेली को जातिवाद में मत उलझाइए।” वहीं, एक अन्य होर्डिंग में शक्ति सिंह नामक युवक मंडल अध्यक्ष ने लिखा है, “जाको प्रिय राम वैदेही, ताहि वोट कोऊ ना देही।” यह टिप्पणी सीधे तौर पर राहुल गांधी के उस विवादित बयान की ओर इशारा करती है, जिसमें उन्होंने पिछली “दिशा बैठक” के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की जाति पर सवाल खड़े किए थे।
पुराने बयान की गूंज फिर सुनाई दी
राहुल गांधी का यह बयान उस समय काफी चर्चा में आया था, जब उन्होंने एक बैठक में यह पूछा था कि अधिकारियों की जातियाँ क्या हैं और किस वर्ग से वे आते हैं। इस पर कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। अब, उनके नए दौरे से पहले वही मुद्दा एक बार फिर सड़कों पर आ गया है — इस बार पोस्टरों के रूप में।
कुछ स्थानीय लोग राहुल गांधी के जाति-आधारित सवालों को प्रशासन में पारदर्शिता की दिशा में उठाया गया कदम मानते हैं, तो वहीं कई लोग इसे समाज में विभाजन पैदा करने वाला बयान बता रहे हैं। शक्ति सिंह का कहना है कि, “राहुल गांधी का यह रुख समाज को तोड़ने वाला है। हमें जातियों में नहीं, देश के लिए एकजुट होना चाहिए।”
चुनावी मौसम की आहट?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस ‘पोस्टर वार’ के पीछे कहीं न कहीं आगामी लोकसभा चुनावों की हलचल भी काम कर रही है। रायबरेली कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में यहां की सियासत में कई मोड़ आए हैं। ऐसे में जातिवाद बनाम राष्ट्रवाद जैसा भावनात्मक मुद्दा आने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

Author: Shivam Verma
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