Sultanpur News: अधिवक्ता आजाद अहमद हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। अब इस केस का ट्रायल जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मीकांत शुक्ला की अदालत में नहीं, बल्कि फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) प्रथम जलाल मोहम्मद अकबर की अदालत में होगा। आज, 20 फरवरी से इस मामले की सुनवाई एफटीसी में प्रारंभ होगी।
सूत्रों के अनुसार, पिछली पेशी के बाद से ही इस केस को एफटीसी कोर्ट में ट्रांसफर किए जाने को लेकर मामला सूचीबद्ध था। वहीं, फरार अभियुक्त सिराज के करीबी द्वारा वादी पक्ष के वकीलों को धमकी भरी पोस्ट मिलने के तुरंत बाद केस ट्रांसफर की सूचना आने से यह विषय चर्चा का केंद्र बन गया है। यह ट्रांसफर महज संयोग है या इसके पीछे कोई विशेष वजह है, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
वादी पक्ष के अधिवक्ताओं को मिली सुरक्षा
वादी पक्ष की पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) राम अचल मिश्र और बार अध्यक्ष रणजीत सिंह त्रिसुंडी को सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी गनर उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं, शेख नजर अहमद, जो शुरू से इस केस में पैरवी कर रहे हैं, उन्हें अभी तक सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है। इससे असमान सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
अब केस एफटीसी कोर्ट में ट्रांसफर होने के बाद, स्टेट की पैरवी करने की जिम्मेदारी एडीजीसी (क्रिमिनल) दान बहादुर वर्मा को मिलने की संभावना है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या डीजीसी-क्रिमिनल राम अचल मिश्रा से सुरक्षा हटा ली जाएगी या फिर जिले के प्रतिनिधित्व और धमकी के मद्देनजर उनकी सुरक्षा बरकरार रहेगी। इसी के साथ, क्या शेख नजर अहमद को अब सुरक्षा मिलेगी, इस पर भी नजरें टिकी हुई हैं।
वादी पक्ष ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
मृतक अधिवक्ता आजाद अहमद के पिता मो. सलीम ने पुरानी और नई धमकियों को लेकर कोतवाली देहात थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह के खिलाफ एसपी को शिकायती पत्र सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में प्रभावी कार्यवाही की जाए।
वादी पक्ष के अधिवक्ता शेख नजर अहमद ने भी एसपी से मिलकर और बार अध्यक्ष व महासचिव को पत्र देकर सुरक्षा व उचित कार्रवाई की मांग की है। अधिवक्ता संघ ने भी इस मामले में जिला प्रशासन से ठोस कदम उठाने की अपील की है।
हालांकि, धमकी भरी पोस्ट वायरल होने के बावजूद अभी तक पुलिस द्वारा किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है, लेकिन उसकी वास्तविकता जल्द ही सामने आएगी।
फरार सिराज का करीबी दे रहा धमकियां
कुछ दिन पहले, फरार इनामी अपराधी सिराज के करीबी शहदाब अंसारी ने ‘313’ नामक ग्रुप में पोस्ट कर वादी पक्ष को धमकी दी थी कि उनका हाल भी आजाद अहमद जैसा होगा। यह पोस्ट वायरल होने के बाद पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है, क्योंकि फरार सिराज और उसके गैंग के सदस्यों पर कार्रवाई नहीं हो रही। यह मामला पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। योगी सरकार जल्द ही इस विषय में कोई बड़ा एक्शन ले सकती है।
केस की स्थिति
गौरतलब है कि 6 अगस्त 2023 को भुलकी चौराहे के पास युवा अधिवक्ता आजाद अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक महिला सहित आधा दर्जन से अधिक आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, जबकि तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित है। वहीं, फरार सिराज के खिलाफ फरारी में चार्जशीट दाखिल की गई है। केस के ट्रायल में तेजी के लिए ही शायद इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा गया है।

Author: Shivam Verma
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