Sultanpur News: गोसाईगंज थाना प्रभारी राम आशीष उपाध्याय की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं। सिविल जज उत्तरी की अदालत ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से तलब किया है, लेकिन लगातार आदेश की अवहेलना और गैरहाजिर रहने के चलते कोर्ट ने अब कड़ी चेतावनी दी है। अदालत ने साफ तौर पर कहा है कि यदि वह अगली सुनवाई में भी हाजिर नहीं हुए, तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
पूरा मामला टोलवा गांव निवासी अधिवक्ता कृष्ण नारायण यादव के पिता शिवराम यादव की जमीन से जुड़ा है। उनका आरोप है कि गांव के ही कुछ लोगों – जैसराज, कमला देवी, शकुंतला, उदयराज और भगौती – ने उनके पैतृक ज़मीन (गाटा संख्या-117) पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की है। उन्होंने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद अदालत ने विवादित जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
इतना ही नहीं, कोर्ट के आदेश के तहत जमीन की कमीशन जांच भी पूरी हो चुकी है। इसके बावजूद, वादी पक्ष का आरोप है कि गोसाईगंज थाना प्रभारी ने विपक्षी पक्ष को संरक्षण देकर उन्हें कब्जा करने की छूट दी।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
थाना प्रभारी की भूमिका को लेकर कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए हैं। वादी पक्ष के अनुसार, उन्होंने पुलिस को समय रहते जानकारी दी, लेकिन न तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कब्जा रुकवाया, और न ही अदालत के आदेशों का पालन कराया। उल्टा, पुलिस ने शिकायत करने वाले परिवार के ही सदस्यों को शांति भंग के आरोप में चालान कर दिया।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने थाना प्रभारी की इस कार्यशैली को मनमानी और आदेश की अवहेलना करार दिया है। 8 मई और 14 मई को पहले ही उन्हें कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया गया था, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। इससे नाराज़ होकर सिविल जज ने अब साफ चेताया है कि अगर अगली बार भी वह पेश नहीं हुए, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश एसपी से की जाएगी। गोसाईगंज थाना प्रभारी की कार्यशैली को लेकर अधिवक्ताओं में भी नाराज़गी है। वकीलों का कहना है कि थाना स्तर पर “सेटिंग-गेटिंग” का खेल चल रहा है और जानबूझकर झूठी रिपोर्ट भेजी जा रही है ताकि सच्चाई को दबाया जा सके।

Author: Shivam Verma
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