UP News: उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आजमगढ़ जिले में बहुप्रतीक्षित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब किसी जमाने का ‘बिमारू राज्य’ नहीं रहा, बल्कि यह अब ‘एक्सप्रेसवे वाला राज्य’ बन चुका है।
योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार तेजी से 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने मंच से अपने संबोधन में कहा कि कभी लोग आजमगढ़ का नाम लेने में भी संकोच करते थे, लेकिन आज वही ज़मीन विकास के नक्शे पर मजबूत उपस्थिति दर्ज कर रही है।
पुरानी सरकारों पर कसा तंज
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि एक समय था जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का काम अधूरा छोड़ दिया गया था। लेकिन मौजूदा सरकार ने अपने दो कार्यकालों में छह प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाएं पूरी की हैं। उन्होंने बताया कि
- 2021 में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे,
- 2022 में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया गया,
और अब यह नेटवर्क आगे चलकर पटना से भी जोड़ा जाएगा, जिससे पटना से लखनऊ और फिर दिल्ली तक पहुंचना और आसान हो जाएगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की खासियत
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर जिले के जैतपुर से शुरू होता है और आजमगढ़ जिले के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जाकर जुड़ता है। इस मार्ग से कुल चार जिले – गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ – लाभान्वित होंगे।
इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में छह लेन तक विस्तारित किए जाने की योजना है, जिससे इसकी उपयोगिता और भी अधिक बढ़ जाएगी।
निर्माण में लगी भारी लागत
इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण समेत कुल ₹7283.28 करोड़ रुपये की लागत आई है। एक्सप्रेसवे को दो हिस्सों में बनाया गया है:
- पहला खंड: गोरखपुर के जैतपुर से अंबेडकर नगर के फुलवरिया तक, जिसकी लंबाई 48.317 किमी है।
- दूसरा खंड: फुलवरिया से आजमगढ़ के सलारपुर तक, जिसकी लंबाई 43.035 किमी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास ही किसी राज्य की प्रगति की असली पहचान होता है। उन्होंने इसे डबल इंजन सरकार की नीतियों और योजनाओं का नतीजा बताया, जिसने यूपी को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है।

Author: Shivam Verma
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