Varanasi News: दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने की। बैठक में व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग से जुड़े अधिकारी तथा प्रशिक्षण प्रदाता संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक के दौरान प्रशिक्षण प्रदाताओं की उपस्थिति पर विशेष जोर दिया। जिन प्रशिक्षण प्रदाताओं ने बैठक में भाग नहीं लिया, उनके खिलाफ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है कि भविष्य में सभी संबंधित पक्षों की सक्रिय और अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं के शत-प्रतिशत सेवायोजन (रोजगार) पर भी चर्चा हुई। मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि सभी प्रशिक्षण प्रदाता संस्थान यह सुनिश्चित करें कि जिन प्रशिक्षणार्थियों ने कोर्स पूरे किए हैं, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। इसका उद्देश्य युवाओं के कौशल का सही उपयोग सुनिश्चित करना है।
समीक्षा बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत संचालित एसएसडीएफ (SSDF) और प्रोजेक्ट प्रवीण योजना के प्रशिक्षण केंद्रों की गुणवत्ता जांचने और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में भी निर्देश जारी किए गए। अधिकारियों को कहा गया कि नियमित निरीक्षण किया जाए, जिससे प्रशिक्षण केंद्रों की कार्यप्रणाली में कोई कमी न रह जाए। इसके लिए जिला समन्वयक और जिला प्रबंधक को विशेष रूप से जिम्मेदारी सौंपी गई।
इसके अतिरिक्त, बैठक में यह जानकारी भी सामने आई कि कुछ जॉब रोल की वैधता समाप्त हो चुकी है, जिसके कारण नवीन बैचों का अनुमोदन नहीं हो पाया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए मिशन कार्यालय को पत्र भेजे जाने का निर्देश दिया गया है, ताकि जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके और नए बैचों की शुरुआत हो सके।
बैठक में जिला समन्वयक श्रीमती राधिका त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन से अभिषेक सिंह, जय कृष्ण श्रीवास्तव (जिला प्रबंधक), प्रभात पाल (जिला कार्यक्रम प्रबंधक) सहित विभिन्न प्रशिक्षण प्रदाता संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Author: Shivam Verma
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