Varanasi News: भीषण गर्मी के बीच पानी की किल्लत झेल रहे वाराणसी के भिखारीपुर गांव में जनता की परेशानी आखिरकार सड़क पर उतर आई। जल जीवन मिशन के तहत बने ओवरहेड टैंक के पास क्षतिग्रस्त पेयजल पाइपलाइन की मरम्मत न होने से नाराज़ पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार गुप्ता ने गुरुवार को अर्धनग्न होकर सड़क पर लेटकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस जगह पर किया गया, जहां से पिछले एक महीने से पानी सड़क पर बह रहा है।
प्रदर्शन के दौरान श्री गुप्ता ने जल निगम और कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है, बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। गुप्ता ने चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे के अंदर क्षतिग्रस्त पाइपलाइन की मरम्मत नहीं कराई गई, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
महीनों से बह रहा पानी, गर्मी में प्यासे ग्रामीण
जानकारी के मुताबिक, भिखारीपुर सहित कचनार, रानी बाजार, परसुपुर और राजातालाब गांवों में स्थित जल जीवन मिशन की पाइपलाइन करीब एक माह पहले क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसकी जानकारी कई बार विभागीय अधिकारियों को दी गई, लेकिन मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ। पाइपलाइन के टूटने से न केवल सड़क पर पानी बह रहा है, बल्कि इन गांवों में पीने के पानी की भारी किल्लत हो गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हजारों की आबादी भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रही है। सबसे ज़्यादा परेशानी स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को हो रही है। रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए पानी की कमी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
व्यापारियों और दुकानदारों को भी हो रही परेशानी
राजकुमार गुप्ता ने बताया कि पानी की इस समस्या से व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। दुकानदारों के अनुसार, ग्राहकों की आवाजाही भी कम हो गई है, क्योंकि सड़क पर बहते पानी से रास्ता दूभर हो गया है। दुकानों के सामने लगातार गंदा पानी जमा होने से आसपास गंदगी फैल रही है, जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
प्रदर्शन के दौरान राजकुमार गुप्ता के साथ बाबूलाल उर्फ माइकल सोनकर, चंद्रभान यादव, रीता, सुनीता, सोनी, मंजू, सुखा देवी, मालती, प्रभा समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल रहे। इन सभी ने मांग की कि क्षेत्र में जल्द से जल्द पाइपलाइन की मरम्मत कर पेयजल आपूर्ति बहाल की जाए।
गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भले ही हर घर नल से जल पहुंचाने का दावा कर रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि अगर जिम्मेदार विभागों ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो गांव-गांव में आंदोलन होगा और अधिकारियों को इसका जवाब देना पड़ेगा।

Author: Shivam Verma
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