Translate Your Language :

Breaking News
Mainpuri News: मैनपुरी में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़: एक घायल, दो गिरफ्तार, तीसरा फरार Bareilly News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहुंचीं बरेली, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया भव्य स्वागत; सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम Kushinagar News: कुशीनगर में कृषि विभाग की सख्ती से उर्वरक व्यापारियों में नाराज़गी, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन Kanpur News: कानपुर में ‘सिंदूर कप’ क्रिकेट मैच में सेना-11 की जीत, पर मंच पर छाई नेता और अधिकारी की नोकझोंक Bhim Army Protest: चंद्रशेखर आज़ाद को रोके जाने पर भड़के कार्यकर्ता, करछना में घंटों तक मचा उत्पात Kaushambi News: महेवाघाट थाना क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा अवैध बालू खनन, साइकिल और खच्चरों से ढोकर की जा रही बिक्री
Mainpuri News: मैनपुरी में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़: एक घायल, दो गिरफ्तार, तीसरा फरार Bareilly News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहुंचीं बरेली, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया भव्य स्वागत; सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम Kushinagar News: कुशीनगर में कृषि विभाग की सख्ती से उर्वरक व्यापारियों में नाराज़गी, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन Kanpur News: कानपुर में ‘सिंदूर कप’ क्रिकेट मैच में सेना-11 की जीत, पर मंच पर छाई नेता और अधिकारी की नोकझोंक Bhim Army Protest: चंद्रशेखर आज़ाद को रोके जाने पर भड़के कार्यकर्ता, करछना में घंटों तक मचा उत्पात Kaushambi News: महेवाघाट थाना क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा अवैध बालू खनन, साइकिल और खच्चरों से ढोकर की जा रही बिक्री
Home » उत्तर प्रदेश » वाराणसी » Varanasi News: काले चावल से निकला सेहत का खजाना, डेयरी उत्पादों में खुलीं नई संभावनाएं

Varanasi News: काले चावल से निकला सेहत का खजाना, डेयरी उत्पादों में खुलीं नई संभावनाएं

Health treasure from black rice
Facebook
X
WhatsApp

Varanasi News: बनारस की ऐतिहासिक गलियों से जुड़ी एक आधुनिक वैज्ञानिक खोज ने न सिर्फ खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई राह दिखाई है, बल्कि आम जनजीवन में स्वास्थ्यवर्धक आहार की दिशा में भी संभावनाओं का दरवाज़ा खोला है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग की शोध छात्रा डॉ. सलोनी ने काले चावल (पिगमेंटेड ब्लैक राइस) में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट “एंथोसायनिन” के उपयोग पर अभिनव शोध किया है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

यह शोध बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र राय के मार्गदर्शन में किया गया है। प्रोफेसर राय, जो बीएचयू के वरिष्ठ प्रोफेसर भी रह चुके हैं, ने इस शोध कार्य में गहरा सहयोग प्रदान किया।

काले चावल की खासियत

डॉ. सलोनी का यह शोध ‘चक-हाओ’ नामक मणिपुरी किस्म के काले चावल पर केंद्रित रहा, जिसे विशेष रूप से एंथोसायनिन की मात्रा और गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। यह यौगिक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर में कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और संक्रामक रोगों से लड़ने में सहायक होता है। आमतौर पर इस प्रकार के यौगिकों को निकालना जटिल और खर्चीला होता है, लेकिन इस शोध में हरित (ग्रीन) निष्कर्षण तकनीकों की मदद से इसे सरल और प्रभावी बनाया गया।

ग्रीन एक्सट्रैक्शन तकनीक का उपयोग

शोध में पारंपरिक सॉल्वेंट (विलायक) विधियों की तुलना में हरित निष्कर्षण तकनीकों की दक्षता का मूल्यांकन किया गया। इस पद्धति को अपनाने से न केवल पर्यावरणीय हानि कम होती है, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता भी बनी रहती है। निष्कर्षों के अनुसार, काले चावल से निकाला गया एंथोसायनिन न केवल स्वास्थ्यवर्धक है, बल्कि इसे विभिन्न डेयरी उत्पादों—जैसे दही, पनीर, या फ्लेवर्ड मिल्क—में मिलाकर कार्यात्मक खाद्य पदार्थ तैयार किए जा सकते हैं।

शोध पत्र में प्रकाशित परिणाम

इस शोध के परिणामों को ‘जर्नल ऑफ फूड सेफ्टी एंड हेल्थ’ में प्रकाशित किया गया है। शोध-पत्र का शीर्षक है: “काले चावल से कार्यात्मक एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों के लिए निष्कर्षण प्रौद्योगिकियों का गहनिकरण और काला चावल के मेटाबोलोम के उच्च-रिज़ॉल्यूशन मास स्पेक्ट्रोमेट्री (एचआरएमएस)”। इसमें डॉ. सलोनी के साथ सह-लेखक के रूप में प्रो. दिनेश चंद्र राय और डॉ. राज कुमार दुआरी (प्रोफेसर, बीएचयू) के नाम शामिल हैं।

शोध में यह भी बताया गया है कि काले चावल की पिगमेंटेड किस्में अपने पोषक तत्वों और न्यूट्रास्यूटिकल्स (औषधीय गुणों वाले खाद्य घटक) के कारण विभिन्न प्रकार की चयापचय (मेटाबॉलिक) समस्याओं को नियंत्रित करने में कारगर हो सकती हैं। इन्हें डेयरी उत्पादों में मिलाकर ऐसे खाद्य विकल्प बनाए जा सकते हैं जो स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाएं।

आम जन के लिए संभावनाएं

कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने बताया कि यह शोध न केवल विज्ञान की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आम लोगों को भी यह सिखाता है कि पारंपरिक खाद्य पदार्थों में छिपे पोषण तत्वों को कैसे व्यवहारिक उपयोग में लाया जा सकता है। काला चावल, जो अब तक आम उपयोग में नहीं था, आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नायाब विकल्प बन सकता है।

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

Description

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें