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Western Culture Vs Indian Culture: क्या वेस्टर्न कल्चर को पूर्ण रूप से अपनाना सही है?

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संस्कृति सिर्फ कपड़े पहनने के तरीके पर निर्भर नही करती बल्कि हमारे रहन-सहन, बोल-चाल, काम करने के तौर तरीके आदि पर भी निर्भर करती है। हम वहाँ रहते है जहां लोगों को ये तो पता होता है किस एक्टर का अफेयर किस एक्ट्रेस के साथ चल रहा लेकिन हम ये नही जानते कि पड़ोस के शर्मा जी काम क्या करते है? क्या ये हमारा इंडियन कल्चर है? जवाब है नहीं। क्योंकि हमारे बड़े बूढ़ो ने हमें हमेशा यही सिखाया कि सबसे मिल जुल कर रहो और हर परिस्थिती मे सबका साथ दो। पर क्या हम उनकी दी हुई सीख अपना रहे है? शायद नहीं।

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Western Culture को अपना रहे युवा

यदि हम युवाओं कि बात करें तो उनका झुकाव वेस्टर्न कल्चर कि ओर कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है चाहे बात करें लिव इन रिलेशनशिप या फिर शादी के बाद छोटी मोटी बातों को लेकर होते डायवोर्स पर, दोनों ही हमारे कल्चर का हिस्सा नहीं है। लेकिन अगर हम अपने युवाओं कि ओर एक नज़र दौड़ाए तो उनमें से ज़्यादातर इन्ही सब चीज़ों से ग्रसित है और आज कल तो अपराध का कारण भी यही सब बन रहा है। जाहिर सी बात है लड़का हो या लड़की दोनों ही जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जीना चाहते हैं और यही एक बड़ा कारण है कि युवा लिव इन रिलेशनशिप की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे है।

Western Culture अपनाने के कारण

किसी भी कल्चर को अपनाकर उसकी अच्छी चीजे सीखना अच्छा है लेकिन कहते है ना लोग बुराइयाँ जल्दी सीख लेते है, कुछ ऐसा ही हमारे युवाओं में भी देखने को मिल रहा है वो विभिन्न कारणों से इस कल्चर को अपना रहे है जिनमें से कुछ ये है-

  • लोकप्रियता 
  • चलन  
  • प्रभाव 
  • क्रॉस कल्चर प्रमोशन 
लोकप्रियता

आजकल के समय में हर कोई फ़ेमस होना चाहता है चाहे कुछ भी करना पड़े। इसके लिए कुछ शमशान घाट में जा के वीडियोज़ बना रहे है तो कुछ मंदिर में जाके नाच रहे है। वहीं बात युवाओं कि की जाए तो वेस्टर्न ड्रेससेज पहनकर या फिर उस तरीके के रहन सहन को अपना कर वो खुद को कूल समझते है और सोचते है इससे वो लोगो के बीच प्रसिद्ध हो जाएंगे।

चलन

आज कल हर व्यक्ति ट्रेंड के हिसाब से चलना चाहता है चाहे वो कपड़ो को लेकर हो या और सभी रिजमर्रा की चीज़ों को लेकर, सभी ट्रेंड को फॉलो करते है और ऐसे ही हमारे युवा  भी जब वेस्टर्न कल्चर में चल रहे ट्रेंड्स को देखते है तो उसे अपनाना शुरू करते है।

प्रभाव

हम हमेशा एक दूसरे से सीखते है और ये एक Human Nature है ठीक उसी तरीके से अपने दोस्तों को आस पड़ोस के लोगो को देख कर हम सीखते है और ज्यादातर लोग इसी को फॉलो कर रहे है तो युवा भी इसी की और आकर्षित हो रहे है और ये एक बड़ा कारण है युवाओं के वेस्टर्न कल्चर को ज्यादा से ज्यादा अपनाने का।

क्रॉस कल्चर प्रमोशन

बहुत सारे लोग ये सोचते है की ये एक अच्छा तरीका है अपने कल्चर को लोगो तक पहुंचाने का। इसका मतलब की अगर हम उनके कल्चर को अपनाते है तो वो भी इससे प्रभावित हो सकते और सम्मान दिखाते हुए वो हमारे कल्चर को भी अपनाएंगे जिससे क्रॉस कल्चर प्रमोशन को बढ़ावा मिलेगा।

कुल मिलाकर निष्कर्ष ये है की किसी अन्य कल्चर को अपनाना या उसकी अच्छाइयों को सीखना गलत नहीं है लेकिन उसे पूर्ण रूप से अपना लेना और अपनी संस्कृति को भूल जाना सरासर गलत है।

Jansi Gupta
Author: Jansi Gupta

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