Bareilly News: धूप हो या बारिश, मीरगंज तहसील में एक गरीब किसान गफूर अहमद कई महीनों से अपनी पुश्तैनी जमीन की पैमाइश और कब्जा हटवाने के लिए चक्कर काट रहा है। मगर अफसोस की बात है कि अब तक उसे न्याय नहीं मिल पाया। ग्राम सिंगतरा में रहने वाले गफूर अहमद और उनके भाई शकूर अहमद ने अपने पैतृक गांव धरमपुर के ही दबंग मंगा खां और जंगा खां पर उनकी ज़मीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है।
गफूर अहमद की माने तो उनके पास ग्राम धरमपुरा, थाना शीशगढ़ में स्थित गाटा संख्या 197, खाता संख्या 00826 की पुश्तैनी जमीन है। उनका परिवार बेहद गरीब है और मेहनत-मजदूरी करके अपना गुज़ारा करता है। उन्होंने बताया कि दबंगों ने पहले यह कहकर ज़मीन पर कब्जा किया कि वे वहाँ यूकिलिप्टिस के पेड़ लगाएंगे और बाद में ज़मीन खाली कर देंगे। मगर जब पेड़ कट गए और बेच भी दिए गए, तब भी न ज़मीन वापस की गई और न ही पेड़ों की कमाई का कोई हिसाब मिला।
मिल रहीं लगातार धमकियाँ
गफूर अहमद ने बताया कि जब उन्होंने अपनी जमीन वापस माँगी, तो उन्हें खुलेआम धमकियाँ दी गईं। दबंगों ने कहा कि अगर वे पुलिस में शिकायत करेंगे तो उन पर झूठे केस लाद दिए जाएंगे और उन्हें जान से मार कर उनका शव नदी में फेंक दिया जाएगा जो तैरता मिलेगा। पाडित गरीब किसान ने बताया की दबंग धमकी देते हैं और कहते हैं कि हमारी राजनीति में बहुत पहुंच है कि कोई भी कानून उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
प्रशासन के दरवाजे खटखटाए
थक-हार कर गफूर अहमद ने 20 मार्च 2025 को डीएम बरेली, एसएसपी और एडीजी जोन के कार्यालय में पहुंचकर लिखित शिकायत देकर मदद की गुहार लगाई थी और उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बावजूद, दबंगों का कब्जा बना रहा। बाद में, उन्होंने मीरगंज के एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया। एसडीएम ने 12 अप्रैल 2024 को राजस्व विभाग और पुलिस बल को मौके पर भेजकर जमीन की पैमाइश कराने का आदेश दिया।
लेकिन जब टीम मौके पर पहुँची, तो दबंग गायब हो गए। गफूर अहमद का कहना है कि ये सब पहले से सुनियोजित था ताकि पैमाइश न हो सके।
गफूर अहमद ने हाल ही में संपूर्ण समाधान दिवस में फिर से प्रार्थना पत्र देकर अपनी बात रखी। एसडीएम मीरगंज ने इस बार मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएचओ शीशगढ़ और कानूनगो जोगेंद्र यादव को आदेश दिए कि दोनों पक्षों को थाना समाधान दिवस में बुलाया जाए और नियमानुसार जरूरी कार्रवाई कर समस्या का हल निकाला जाए।
गफूर अहमद और उनका परिवार प्रशासन से बार-बार एक ही मांग कर रहा है – हमें हमारी जमीन वापस दिलाई जाए, और जो लोग हमें धमका रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। परिवार का कहना है कि उनका सहारा सिर्फ ये ज़मीन है, और अगर ये भी छिन गई, तो उनके पास कुछ नहीं बचेगा।

Author: Shivam Verma
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