Bulandshahr News: देश में जहां एक ओर डिजिटल इंडिया की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध भी उतनी ही तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है। बुलंदशहर में एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) के रिटायर्ड वरिष्ठ प्रबंधक के साथ 20 लाख रुपये की डिजिटल ठगी की गई है। खास बात यह है कि ठगों ने एक सुनियोजित योजना के तहत खुद को बैंक अधिकारी बताकर जानकारी ली और फोन को हैक कर वारदात को अंजाम दिया।
ऐसे रची गई साइबर ठगी की पूरी साजिश
शांति निकेतन कॉलोनी, बुलंदशहर निवासी बीरपाल सिंह पुत्र बदलू सिंह, पीएनबी से रिटायर हुए वरिष्ठ बैंक प्रबंधक हैं। बीरपाल सिंह ने साइबर क्राइम थाने में जो रिपोर्ट दर्ज कराई है, उसके मुताबिक 9 मई 2025 को उन्हें एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पंजाब नेशनल बैंक के क्रेडिट कार्ड विभाग का अधिकारी बताते हुए बात की और कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड का अपडेट जरूरी है।
फोन करने वाले ने उनसे नाम, पता, नॉमिनी जैसी मूल जानकारी मांगी। बैंकिंग क्षेत्र में दशकों तक काम कर चुके बीरपाल सिंह को शायद अंदाज़ा भी नहीं था कि सामने वाला व्यक्ति फर्जी है। बातचीत के दौरान किसी तकनीकी माध्यम से उनका मोबाइल फोन हैक कर लिया गया। इसके बाद कई ट्रांजेक्शन के जरिए उनके खाते से करीब 20 लाख रुपये दूसरी जगह ट्रांसफर कर लिए गए।
ठगों ने रिटायर्ड बैंक अधिकारी को भी नहीं छोड़ा
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि साइबर ठग अब सिर्फ आम लोगों को नहीं बल्कि बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े अनुभवी व्यक्तियों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। रिटायर्ड बैंक मैनेजर बीरपाल सिंह ने पूरी घटना की जानकारी और मोबाइल नंबर समेत अन्य तकनीकी सबूतों को लेकर साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
SSP ने की अपील – “अपनी बैंकिंग जानकारी किसी से साझा न करें”
इस घटना को लेकर बुलंदशहर के एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने भी बयान दिया है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी अनजान कॉल या व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक अकाउंट नंबर, क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड डिटेल, OTP और पासवर्ड आदि कतई न बताएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में केवल सावधानी और सतर्कता से ही साइबर अपराधियों से बचा जा सकता है।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस और साइबर क्राइम सेल लगातार जन-जागरूकता अभियान चला रही है। कॉलर ट्यून, एसएमएस और बैंकों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। फिर भी साइबर अपराधी इतनी चालाकी से योजनाएं बनाते हैं कि कई बार अनुभवी लोग भी धोखा खा जाते हैं।

Author: Shivam Verma
Description