Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के शिकारपुर स्थित एक सरकारी विद्यालय में बिना पूर्व अनुमति के आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी का मामला तूल पकड़ गया है। इस आयोजन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही शिक्षा विभाग हरकत में आ गया। जिससे बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक इमराना नकवी को निलंबित कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
शिकारपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय इस्लामिया में रोजा इफ्तार पार्टी आयोजित की गई थी। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में रोजेदार स्कूल परिसर में बैठकर इफ्तार कर रहे हैं। उनके लिए विशेष रूप से फल, मेवे और अन्य व्यंजन उपलब्ध कराए गए थे। इस आयोजन के दौरान नमाज अदा करने के बाद रोजेदारों ने इफ्तारी की।
बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम का आयोजन सपा से जुड़े रहे शानू खान ने किया था, जो अब भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे में सक्रिय हैं। इफ्तार पार्टी बिना किसी आधिकारिक अनुमति के स्कूल परिसर में आयोजित की गई थी, जिसके चलते शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
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BSA ने की कार्रवाई
जैसे ही मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना, बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने इस पर संज्ञान लेते हुए प्रधानाध्यापक इमराना नकवी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जांच रिपोर्ट में खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) अमन गुप्ता ने पुष्टि की कि प्रधानाध्यापक ने नियमों का उल्लंघन करते हुए शानू खान को स्वेच्छा से अनुमति दी थी।
BSA द्वारा जारी निलंबन पत्र में स्पष्ट किया गया कि प्रधानाध्यापक का यह कृत्य उनके पद दायित्वों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है, जो उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 के विपरीत है। निलंबन के बाद इमराना नकवी को प्राथमिक विद्यालय पहाड़पुर हवेली, विकास क्षेत्र-शिकारपुर में संबद्ध कर दिया गया है। इस घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। कई लोगों का कहना है कि सरकारी संस्थानों में किसी भी धार्मिक आयोजन के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होती है।

Author: Shivam Verma
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