Etawah News: इटावा जिले के चकरनगर ब्लॉक में स्थित पचनदा क्षेत्र अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। जहां यमुना, चंबल, क्वारी, सिंध और पहुज नदियों का संगम होता है, वही यह क्षेत्र विकास की राह में अब भी कई चुनौतियों से जूझ रहा है। यहां के स्थानीय लोग वर्षों से बांध निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, ताकि उनकी खेती और जीवनशैली को स्थायित्व मिल सके या सुधर सके।
इस गंभीर मुद्दे को एक बार फिर संसद के पटल पर समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र दौहरे ने पूरी मजबूती के साथ उठाया है। उन्होंने पचनदा क्षेत्र में बांध बनाए जाने की मांग केंद्र सरकार से की है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों की वर्षों पुरानी परेशानी दूर हो सके, बल्कि हजारों किसानों को सीधा फायदा भी मिल सके।
पचनदा: प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक आस्था का संगम
पचनदा को इटावा का एक प्राकृतिक चमत्कार कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पांच नदियों का संगम इसे उत्तर भारत के अनोखे स्थानों में से एक बनाता है। यहां का नजारा किसी चित्रकारी से कम नहीं, लेकिन इसके बावजूद यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है।
यहां अक्सर बाढ़ और जलप्रवाह की अनियंत्रित स्थिति किसानों की फसल को तबाह कर देती है। यदि यहां पर बांध बन जाए, तो जल संरक्षण के साथ-साथ सिंचाई की सुविधा भी बेहतर हो सकती है। यही बात सांसद दौहरे ने संसद में रखी।
संसद में रखी जनता की आवाज
सांसद जितेंद्र दौहरे ने लोकसभा में स्पीकर के समक्ष कहा,
“मैं इटावा लोकसभा क्षेत्र से आता हूं और पचनदा मेरा क्षेत्र है। यहां पांच नदियां मिलती हैं। स्थानीय लोग सालों से बांध बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। कई बार सर्वे भी हो चुका है और करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन काम अभी तक अधूरा है। यदि वहां बांध बन जाए, तो हजारों किसानों की जिंदगी बदल सकती है।”
पहले भी उठा चुके हैं स्थानीय मुद्दे
यह पहली बार नहीं है जब सांसद दौहरे ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को संसद में उठाया है। इससे पहले भी उन्होंने भरथना और फफूंद रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव की बहाली की मांग की थी। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के पहले तक यहां ट्रेनों का ठहराव था, जो अब पूरी तरह बंद हो चुका है। साथ ही औरैया जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की भी मांग उन्होंने की थी, जिससे इस इलाके के लोगों को यातायात की बेहतर सुविधा मिल सके।
ठोस कदम की उम्मीद
सांसद द्वारा बार-बार संसद में आवाज उठाने से स्थानीय जनता को अब उम्मीद है कि उनकी बात सुनी जाएगी। पचनदा में बांध निर्माण सिर्फ एक विकास परियोजना नहीं होगी, बल्कि यह वहां के किसानों के जीवन में स्थायित्व और खुशहाली लाएगा। यह न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र के पर्यटन और धार्मिक महत्व को भी नई ऊंचाई देगा।
अब देखना होगा कि सरकार इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या वास्तव में पचनदा क्षेत्र के लोगों को जल्द ही राहत मिल पाएगी या उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा।

Author: Shivam Verma
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