Firozabad News: जिले के जसराना कस्बे में स्थित प्रसिद्ध मां कामाख्या देवी मंदिर के पट बुधवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए विधिवत रूप से खोल दिए गए। सुबह ठीक 6 बजे मंगला आरती और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गर्भगृह के कपाट आम भक्तों के लिए खोले गए, जिससे पूरे परिसर में भक्ति का वातावरण गूंज उठा। मंदिर के कपाट बीते तीन दिनों से बंद थे।
40 वर्षों से चल रही है परंपरा
फिरोजाबाद जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर और शिकोहाबाद से 15 किलोमीटर की दूरी पर एटा-जसराना मार्ग पर स्थित इस मंदिर में पिछले 40 वर्षों से गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर की तर्ज पर अंबुबाची महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में 22 जून को मंदिर के पट बंद किए गए थे, जिन्हें आज 25 जून को विधिविधान से खोला गया।
मंदिर के पट 22 जून को मंगला आरती के बाद नौ सौभाग्यवती महिलाओं की उपस्थिति में बंद किए गए थे। इन तीन दिनों के दौरान मंदिर में विशेष धार्मिक अनुष्ठान, मंत्रोच्चार और साधना का आयोजन हुआ। 25 और 26 जून को विशेष दर्शन का अवसर भक्तों को प्राप्त होगा।
श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतारें
पट खुलते ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं, पुरुष और बच्चे बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर मार्ग पर कई किलोमीटर तक फैली रहीं। मंदिर कमेटी और जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा एवं दर्शन व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
नौ महिलाओं ने किए पट उद्घाटन
मंदिर के पीठाधीश महेश स्वरुप ब्रह्मचारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज पट खोलने का कार्य भी उन्हीं नौ महिलाओं ने किया, जिन्होंने तीन दिन पहले पट बंद किए थे। ये महिलाएं थीं – ब्लॉक प्रमुख संध्या लोधी (जसराना), पूनम चौहान (अंबाला), सरिता गुप्ता (अलीगढ़), विमला परिहार (फर्रुखाबाद), दिव्या गुप्ता (छर्रा), कुसुम यादव (जसराना), विट्टो देवी (हरदोई), शिवकुमारी (फिरोजाबाद) और साधना यादव (शिकोहाबाद)।
मंदिर का दूसरा स्वरूप
ब्लॉक प्रमुख संध्या लोधी ने बताया कि यह मंदिर असम के गुवाहाटी स्थित प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर का ही एक प्रतीकात्मक और दूसरा स्वरूप है। यहां की परंपराएं और उत्सव भी वहां की ही तरह मनाए जाते हैं। पट खुलने के बाद दो दिन – 25 और 26 जून को श्रद्धालुओं को विशेष दर्शन का लाभ मिलेगा। इस दौरान दूर-दूर से आए भक्त माता के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं।

Author: Shivam Verma
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