Raebareli News: रायबरेली जिले के सरेनी कोतवाली क्षेत्र में बुधवार को पशु तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया, जिसने न केवल अवैध कारोबार की परतें खोलीं बल्कि स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गेगासों गंगा पुल के पास स्थानीय लोगों की सजगता से इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ, जब उन्होंने एक संदिग्ध डीसीएम ट्रक को रोक लिया।
ट्रक में भरे मिले 74 मवेशी
स्थानीय लोगों ने जब ट्रक को रोका, तो उसकी हालत देख सब सन्न रह गए। ट्रक में 74 छोटे मवेशी ठूंस-ठूंसकर भरे गए थे। कई मवेशियों के पैर टूटे हुए थे और कुछ की हालत इतनी गंभीर थी कि वे खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। यह मंजर देखकर वहां मौजूद लोगों में गुस्सा फूट पड़ा।
विरोध के बाद हरकत में आई पुलिस
ट्रक की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। लेकिन स्थानीय लोगों के आरोपों के अनुसार, पुलिस मौके पर पहुंचने के बाद भी तुरंत कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। आखिरकार जब लोगों का विरोध बढ़ा, तब जाकर पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लिया।
रैनबसेरे में मवेशियों को रखा
ट्रक से बरामद मवेशियों को पुलिस ने आनन-फानन में गंगा घाट के पास बने एक रैनबसेरे में बंद कर दिया। इस फैसले से स्थानीय लोगों की नाराजगी और बढ़ गई। उनका कहना है कि रैनबसेरे में न तो उचित देखभाल की व्यवस्था है, न ही पशुओं के इलाज की सुविधा। ऐसी हालत में मवेशियों की जान को और खतरा हो सकता है।
तीन लोग हिरासत में
पुलिस ने मामले में ट्रक चालक समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि, अभी तक पुलिस ने यह नहीं बताया कि बरामद मवेशियों को किसके सुपुर्द किया जाएगा और इस तस्करी के पीछे किसका हाथ है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह तस्करी लंबे समय से पुलिस की मिलीभगत से चल रही थी।

Author: Shivam Verma
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