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UP News: 30 लाख के बाघ के जबड़े और 17 दांतों के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, STF की बड़ी कार्रवाई

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UP News: उत्तर प्रदेश में वन्यजीवों की तस्करी के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में यूपी एसटीएफ (STF) और वन विभाग की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो शातिर तस्करों को धर दबोचा है। इन तस्करों के पास से बाघ के अंग, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों में है, बरामद किए गए हैं।

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गिरफ्तारी लखीमपुर खीरी के दुधवा मार्ग से

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूपी एसटीएफ को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि लखीमपुर खीरी जिले के दुधवा मार्ग स्थित मकनपुर पलिया इलाके में दो तस्कर बाघ के अंगों की खरीद-फरोख्त करने आने वाले हैं। सूचना मिलते ही STF ने वन विभाग की टीम के साथ मिलकर मौके पर जाल बिछाया और दोनों तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

नेपाल और यूपी के रहने वाले हैं तस्कर

गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान नेपाल निवासी प्रकाश चौधरी और लखीमपुर खीरी निवासी भागीराम के रूप में हुई है। पूछताछ में भागीराम ने सनसनीखेज खुलासा किया कि वह एक संगठित गिरोह का सरगना है, जो प्रतिबंधित वन्यजीवों की हत्या कर उनके अंगों की तस्करी करता है। यह गिरोह न सिर्फ भारत बल्कि नेपाल तक फैला हुआ है।

बाघ के अंगों की कीमत 30 लाख रुपए से ज्यादा

एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, इन तस्करों के पास से 17 बाघ के दांत, 18 बाघ के नाखून, और बाघ के जबड़े के तीन हिस्से बरामद किए गए हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 30 लाख रुपये आंकी जा रही है। इसके अलावा उनके पास से चार मोबाइल फोन, 500 रुपये भारतीय मुद्रा और 200 नेपाली रुपये भी बरामद हुए हैं।

गिरोह का जल्द हो सकता है बड़ा खुलासा

गिरफ्तार तस्करों से अब गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ का मानना है कि जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है। दोनों आरोपियों को पलिया रेंज, उत्तर खीरी प्रभाग में केस दर्ज कर रिमांड पर लिया गया है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।

उत्तर प्रदेश में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सरकार और संबंधित एजेंसियां गंभीरता से काम कर रही हैं। इस तरह की तस्करी न सिर्फ जैव विविधता के लिए खतरा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन है। ऐसे में एसटीएफ और वन विभाग की यह संयुक्त कार्रवाई एक बड़ा संदेश है कि वन्यजीव तस्करों की अब खैर नहीं।

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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