UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने कुपोषण के खिलाफ अपनी जंग को और मजबूती देने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने “अनुपूरक पुष्टाहार योजना हेतु टॉप-अप व्यवस्था” की शुरुआत की है। इस नई पहल के तहत, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, छोटे बच्चों और किशोरियों को मिलने वाले पौष्टिक आहार की आपूर्ति में कोई रुकावट न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने 51.89 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मंजूर की है।
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार की सजगता
उत्तर प्रदेश में समन्वित बाल विकास योजना (ICDS) के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं तथा 14 से 18 वर्ष की किशोरियों को फोर्टिफाइड गेहूं दलिया, चना दाल, मसूर दाल और खाद्य तेल जैसी पौष्टिक सामग्री दी जाती है। यह योजना केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से चल रही है, जिसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
हालांकि, नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) के माध्यम से आपूर्ति की जा रही खाद्य सामग्री की कीमतों में हाल के समय में बढ़ोतरी देखी गई है। बाजार में चना दाल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण नैफेड द्वारा तय की गई दरें भारत सरकार के लागत मानकों (कॉस्ट नॉर्म्स 2017) से अधिक हो गई हैं। इसी वजह से अतिरिक्त बजट की आवश्यकता पड़ी।
टॉप-अप व्यवस्था: क्या है और कैसे करेगी काम?
सरकार की “टॉप-अप व्यवस्था” का सीधा अर्थ यह है कि अगर नैफेड द्वारा आपूर्ति की गई सामग्री की कीमत तय मानकों से ज्यादा होती है, तो राज्य सरकार वह अतिरिक्त खर्च अपने खजाने से वहन करेगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए 25.92 करोड़ रुपये और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए 25.97 करोड़ रुपये की राशि इसी उद्देश्य से स्वीकृत की गई है।
इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि कुपोषण के शिकार बच्चों और माताओं को नियमित रूप से पोषण मिलता रहे, चाहे बाजार की कीमतें कुछ भी कहें। यदि भविष्य में चना दाल की आपूर्ति में बाधा आती है, तो उसके विकल्प के रूप में कोई दूसरी सामग्री देने का निर्णय भी मुख्यमंत्री स्तर पर लिया जाएगा।
स्थानीय उत्पादन को भी मिल रहा प्रोत्साहन
पोषण सुरक्षा के साथ-साथ सरकार ने ग्रामीण सशक्तिकरण को भी ध्यान में रखा है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों (टीएचआर यूनिट्स) की स्थापना तेजी से हो रही है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2026-27 तक प्रदेश भर में 347 यूनिट्स स्थापित की जाएं।
इन यूनिट्स के माध्यम से स्थानीय स्तर पर ही पौष्टिक आहार का उत्पादन होगा, जिससे न केवल सप्लाई चैन मजबूत होगी, बल्कि हजारों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
यह योजना और टॉप-अप व्यवस्था प्रदेश के लाखों गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी जीवनदायिनी योजना से कम नहीं है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां परिवार पूरी तरह आंगनबाड़ी केंद्रों पर निर्भर हैं, वहां इस पहल से बच्चों का कुपोषण दूर होगा और गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण मिलेगा। इससे स्वास्थ्य स्तर सुधरेगा और बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास भी बेहतर होगा।

Author: Shivam Verma
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