Bulandshahr News: बुलंदशहर जिले के स्याना कस्बे में तैनात उपनिरीक्षक (SI) देवेंद्र शुक्ला एक वायरल वीडियो के चलते सुर्खियों में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो में देखा गया कि कस्बा इंचार्ज ने एक दुकानदार को सरेआम थप्पड़ मारे और बाल पकड़कर झंझोड़ा। यह घटना पुलिस टीम की मौजूदगी में हुई और पूरी वारदात CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में क्या दिखा?
घटना 5 जून की रात करीब 10 बजे की बताई जा रही है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि गौरव नामक दुकानदार अपनी कंफेक्शनरी की दुकान बंद कर रहा था। उसी दौरान एक कांस्टेबल ने उसे दुकान बंद करने की चेतावनी दी। इसके कुछ ही समय बाद बिना वर्दी पहने उपनिरीक्षक देवेंद्र शुक्ला अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। चंद सेकेंड की बातचीत के बाद दरोगा जी ने अचानक गौरव को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।
वीडियो में दरोगा गौरव के बाल पकड़कर झंझोड़ते नजर आ रहे हैं, जबकि बाकी पुलिसकर्मी खामोश दर्शक बने खड़े रहे। किसी ने भी दरोगा को रोकने की कोशिश नहीं की।
SSP ने लिया त्वरित संज्ञान
जैसे ही यह वीडियो न्यूज़ ट्रैक के एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर वायरल हुआ, वैसे ही बुलंदशहर के SSP दिनेश कुमार सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से उपनिरीक्षक देवेंद्र शुक्ला को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने मामले की विभागीय जांच स्याना के सीओ को सौंपी है।
क्या था दरोगा का दावा?
दरोगा देवेंद्र शुक्ला ने अपने बचाव में दावा किया है कि गौरव की दुकान को अवैध रूप से कैंटीन के तौर पर उपयोग किया जा रहा था, जहां शराब पिलाई जाती थी। उनका कहना है कि दुकान पर पहले भी कार्रवाई की चेतावनी दी जा चुकी थी और दुकान का कोई वैध लाइसेंस भी नहीं था।
हालांकि, सवाल यह उठता है कि अगर दुकान में अवैध गतिविधि चल रही थी, तो कानून के तहत विधिक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? दरोगा द्वारा सरेआम मारपीट करना न सिर्फ नियमों के खिलाफ है, बल्कि पुलिस की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।
व्यापारियों का आरोप – “शराब के झूठे आरोप लगाकर किया जा रहा शोषण”
स्याना के कंफेक्शनरी व्यापारियों ने इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। व्यापारियों का कहना है कि दुकान पर सामान्य तौर पर कोल्ड ड्रिंक और पानी की बोतलें बेची जाती हैं, और ग्राहक बैठकर इन्हें पीते हैं। इसे शराब पिलाने का शक बताकर पुलिस द्वारा मारपीट करना और मानसिक प्रताड़ना देना गलत है।
व्यापारियों का यह भी कहना है कि यदि कोई अवैध गतिविधि हो रही हो, तो पुलिस को नियमों के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए, ना कि मारपीट जैसे अमानवीय कृत्य करना चाहिए। SSP के निर्देश पर मामले की जांच अब स्याना क्षेत्राधिकारी (CO) को सौंपी गई है। दरोगा देवेंद्र शुक्ला को लाइन हाजिर किया जा चुका है और आगे की जांच के आधार पर कार्रवाई तय की जाएगी।

Author: Shivam Verma
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