Jalaun News: जनपद जालौन की विशेष एससी/एसटी न्यायालय ने शनिवार को इंसाफ की मिसाल पेश करते हुए दलित युवती के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही न्यायालय ने दोषी पर ₹30,000 का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला समाज में न्याय व्यवस्था पर भरोसा और मजबूत करता है।
यह मामला थाना आटा क्षेत्र का है, जहाँ 16 मार्च 2020 को एक दलित युवती के साथ उसके ही घर में घुसकर दुष्कर्म की घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया था। आरोपी शेर सिंह पुत्र भगवानदीन ने पीड़िता को अकेला पाकर उस पर हमला किया और उसकी अस्मिता को रौंद डाला।
घटना के तीन दिन बाद यानी 19 मार्च 2020 को पीड़िता की मां ने थाना आटा में इस संबंध में एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (दुष्कर्म), 452 (घर में जबरन घुसपैठ) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) के तहत मामला पंजीकृत किया।
प्रकरण की विवेचना क्षेत्राधिकारी कालपी श्री राहुल पांडे द्वारा की गई, जिन्होंने 19 जून 2020 को मामले की चार्जशीट अदालत में दाखिल की। इसके बाद 10 फरवरी 2021 से नियमित रूप से अदालत में सुनवाई शुरू हुई।
दोनों पक्षों की दलीलों और सबूतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश डॉ. अवनीश कुमार द्वितीय ने शनिवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी शेर सिंह को: धारा 376 के तहत आजीवन कारावास और ₹30,000 जुर्माना, धारा 452 के तहत 3 वर्ष की सजा और ₹10,000 जुर्माना, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) के तहत 10 वर्ष की सजा और ₹25,000 जुर्माना, से दंडित किया। यदि आरोपी जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त 3 वर्ष का कारावास भुगतना होगा।
सरकारी पक्ष की ओर से वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता ब्रजराज सिंह राजपूत और जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने इस मामले की गंभीरता से पैरवी की। न्यायालय का यह फैसला पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

Author: Shivam Verma
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