Jhansi News: बाल मजदूरी जैसी गंभीर समस्या को रोकने के लिए श्रम प्रवर्तन विभाग ने शुक्रवार, 28 मार्च को नगर में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई दुकानों पर नाबालिग बच्चों से काम कराए जाने की शिकायतें सही पाई गईं, जिसके बाद पाँच दुकानदारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए उनके चालान काटे गए। इस अभियान के चलते पूरे बाजार में हड़कंप मच गया।
इस निरीक्षण अभियान का नेतृत्व श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने किया। उनके साथ पुलिस बल और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। टीम में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से आनंद मोहन, उमाकांत, मोतीलाल, कांस्टेबल वीरेंद्र, बुंदेलखंड सेवा संस्थान से शिवानी पोरवाल, विकास निरंजन और बचपन बचाओ आंदोलन से मनीष भी शामिल रहे।
बाल श्रम कानून का उल्लंघन
जांच के दौरान कई प्रतिष्ठानों में नाबालिग बच्चों से काम करवाए जाने की पुष्टि हुई। देश के बाल श्रम अधिनियम के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम करवाना गैर-कानूनी और दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद, कुछ व्यापारी अपने आर्थिक लाभ के लिए कम मेहनताने पर बच्चों को काम पर रख रहे थे।
श्रम प्रवर्तन विभाग की कार्रवाई:
- पाँच दुकानदारों पर चालान जारी किए गए।
- उन्हें भविष्य में इस कानून का पालन करने की सख्त चेतावनी दी गई।
- बाल श्रम कानून के तहत और भी कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
गुरसरांय क्षेत्र में लंबे समय से बाल श्रमिकों को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। इसी के चलते श्रम विभाग ने यह सख्त कार्रवाई की। श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण तिवारी ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण जारी रहेंगे और बाल श्रम कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि यदि कहीं बाल श्रम हो रहा हो, तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें।
व्यापारियों में मचा हड़कंप
निरीक्षण और चालान की खबर फैलते ही बाजार में अफरा-तफरी मच गई। कई दुकानदारों ने जल्दबाजी में अपने यहां काम कर रहे नाबालिगों को हटा दिया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों पर और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

Author: Shivam Verma
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