Lucknow News: राजधानी लखनऊ में लगातार बढ़ रहे अपराधों को रोकने के लिए लखनऊ पुलिस ने अब एक खास और सख्त कदम उठाया है। पुलिस कमिश्नर की अगुवाई में ‘ईगल मोबाइल – क्रिमिनल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग टीम’ का गठन किया गया है, जिसका मकसद है- शहर के अपराधियों पर पैनी नजर रखना और उनकी गतिविधियों का विस्तृत रिकॉर्ड तैयार करना।
क्यों पड़ी जरूरत ‘ईगल मोबाइल’ की?
हालांकि पुलिस प्रशासन शहर में पहले से ही कड़ी निगरानी और गश्त कर रहा था, लेकिन अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। हत्या, लूट, चोरी और गैंग एक्टिविटी जैसे मामलों ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी थी। ऐसे में पुलिस कमिश्नर ने एक अलग और नयी रणनीति अपनाते हुए ‘ईगल मोबाइल’ टीम को मैदान में उतारने का निर्णय लिया।
हर थाने को मिलेगा एक विशेष ईगल मोबाइल वाहन
इस योजना के तहत लखनऊ के हर थाने को एक ईगल मोबाइल वाहन (दोपहिया) दिया जाएगा, जिस पर दो प्रशिक्षित पुलिसकर्मी तैनात होंगे। इन पुलिसकर्मियों को उनके थाना क्षेत्र के हिसाब से अपराधियों की एक सूची दी जाएगी जिसमें हिस्ट्रीशीटर, सक्रिय अपराधी, गैंग के सदस्य, और जेल से छूटे हुए अपराधियों की जानकारी शामिल होगी।
हर दिन 10 अपराधियों की होगी फाइल तैयार
ईगल मोबाइल टीम की जिम्मेदारी होगी कि वो प्रतिदिन कम से कम 10 अपराधियों का डोजियर यानी विस्तृत ब्यौरा तैयार करें। यही नहीं, उन्हें हर दिन कम से कम 20 अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी भी रखनी होगी। इससे अपराधियों के रूटीन, मूवमेंट, और नए नेटवर्क की जानकारी समय रहते जुटाई जा सकेगी।
ईगल मोबाइल टीम के सभी सदस्य एक विशेष व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े होंगे जहां रोज की गतिविधियों की रिपोर्ट साझा की जाएगी। इसी ग्रुप पर जेल से छूटे अपराधियों की लिस्ट भी शेयर की जाएगी ताकि टीम अगले दिन उनका सत्यापन कर सके।
हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर भी रहेंगे रडार पर
ईगल मोबाइल सिर्फ सामान्य अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि हिस्ट्रीशीटर और सक्रिय गैंग के सदस्यों पर भी बारीकी से नजर रखेगी। इन अपराधियों का डोजियर तैयार कर उसे स्कैन कर डीसीआरबी (District Crime Records Bureau) को भेजा जाएगा। साथ ही, यह जानकारी ‘त्रिनेत्र’ एप पर भी अपलोड की जाएगी ताकि पूरे सिस्टम में एक पारदर्शी रिकॉर्ड उपलब्ध हो।
सिर्फ इमरजेंसी में मिलेगी दूसरी ड्यूटी
पुलिस विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ईगल मोबाइल टीम को सामान्य परिस्थिति में किसी और ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। केवल इमरजेंसी की स्थिति में ही उन्हें अन्य कार्यों में लगाया जाएगा, ताकि उनकी प्राथमिकता सिर्फ अपराध नियंत्रण ही बनी रहे।
हर दिन की रिपोर्ट देनी होगी SHO और ACP को
ईगल मोबाइल टीम को प्रतिदिन अपने कार्यों की रिपोर्ट अपने थाना प्रभारी (SHO) और सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) को देनी होगी। इसके अलावा डीसीआरबी क्राइम कंट्रोल टीम भी इन रिपोर्ट्स का संकलन कर जिला स्तर पर निगरानी रखेगी। महीने में दो बार डीसीपी क्राइम की अध्यक्षता में टीम की समीक्षा बैठक भी होगी।

Author: Shivam Verma
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