Pilibhit News: जिले के सुनगढ़ी थाना क्षेत्र में शनिवार को एक बड़ी हलचल देखने को मिली, जब भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के सैकड़ों कार्यकर्ता थाने के भीतर ही धरने पर बैठ गए। कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेता और नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि संतोख संधू पर दबंगई का आरोप लगाते हुए पुलिस पर गंभीर पक्षपात और सत्ता के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि नौगवां पकड़िया क्षेत्र में एक मुस्लिम युवक के प्लॉट पर अवैध रूप से वाटर कूलर लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। आरोप है कि चेयरमैन प्रतिनिधि संतोख संधू ने जबरन कूलर लगवाने का दबाव बनाया और विरोध करने पर युवक को धमकाया गया।
इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में किया। एसडीएम की मौजूदगी में निर्माण कार्य रुकवाया गया और दोनों पक्षों से दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया।
पीड़ित को थाने में बैठाए जाने से भड़के किसान
घटना में नया मोड़ तब आया जब पीड़ित युवक को ही पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर थाने में बैठा लिया गया। यह जानकारी मिलते ही भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के नेता और कार्यकर्ता भारी संख्या में थाने पहुंच गए और वहीं धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
किसानों ने पुलिस पर भाजपा नेता के इशारे पर काम करने और रिश्वतखोरी का आरोप लगाया। थाने में ‘पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद’ और ‘सत्ता के दलालों होश में आओ’ जैसे नारों से माहौल गरमा गया।
शाम तक हाईप्रोफाइल बन गया मामला
जैसे-जैसे दिन ढलता गया, मामला और तूल पकड़ने लगा। थाने में जुटी भीड़ और मीडिया की नजरों के बीच पुलिस की स्थिति असहज होती गई। अंततः पुलिस ने देर शाम पीड़ित युवक को छोड़ दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों में कुछ हद तक शांति आई।
लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने इस मामले को यहीं खत्म नहीं किया। उन्होंने उच्च अधिकारियों को शिकायत पत्र सौंपकर भाजपा नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
संगठन मंत्री का तीखा बयान
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश संगठन मंत्री रमेश चंद्र दद्दा ने सख्त शब्दों में कहा, “हमें सूचना मिली थी कि भाजपा नेता दबंगई से मुस्लिम युवक के प्लॉट पर कब्जा कर वाटर कूलर लगवा रहे हैं। राजस्व टीम ने काम रुकवाया लेकिन सत्ता के दबाव में पुलिस ने उल्टा पीड़ित को थाने में बंद कर दिया। भाजपा में मुस्लिमों को जीने नहीं दिया जा रहा, ये हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। क्या पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई की? क्या वास्तव में सत्ता के दबाव में आकर पीड़ित को हिरासत में लिया गया?

Author: Shivam Verma
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