Chitrakoot News: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में बुधवार देर रात एक बार फिर से खदान में हुये हादसे का मामला सामने आया है। भरतकूप थाना क्षेत्र के गोंडा पहाड़ में स्थित एक पत्थर खदान के अचानक धंसने से तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन तीनों मजदूरों की हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है।
हादसा कैसे हुआ?
यह हादसा बुधवार रात करीब 11 बजे हुआ, जब महेश प्रसाद जायसवाल की खदान में खनन कार्य जारी था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात के समय खदान में ब्लास्टिंग की गई थी। ब्लास्टिंग के बाद करीब 150 फीट ऊंचाई से खदान का एक बड़ा हिस्सा धंस गया और सारा मलबा नीचे गिर पड़ा।
इस दौरान खदान में कार्यरत साढ़ू (40 वर्ष) और उसका भाई छोटू (35 वर्ष), दोनों निवासी करारी मजरा गोंडा, मलबे में दब गए। इनके साथ पोकलैंड मशीन चला रहे सुदामा यादव (40 वर्ष) भी दब गए। घटना के वक्त खदान में सुरक्षा मानकों का भी पालन नहीं किया गया था — न तो काम करने के लिए बेंचिंग की गई थी, न ही कोई एमरजेंसी इंतज़ाम मौजूद थे।
मौके पर मची अफरा-तफरी
जैसे ही हादसे की जानकारी स्थानीय लोगों और मजदूरों को हुई, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। खदान में दो से तीन पोकलैंड मशीनें और दो ट्रक भी मलबे में दब गए। तुरंत सूचना पाकर भरतकूप थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया।
पुलिस की मदद से अन्य पोकलैंड मशीनें मंगवाई गईं और मलबा हटाने का काम रातभर जारी रहा। किसी तरह मजदूरों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें गंभीर स्थिति में प्रयागराज रेफर कर दिया। बाद में परिजनों की सहमति से उन्हें सतना इलाज के लिए भेजा गया।
खनिज अधिकारी पहुंचे मौके पर
हादसे की सूचना मिलते ही खनिज विभाग के अधिकारी सुधाकर सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने खदान संचालक से प्रारंभिक पूछताछ भी की। फिलहाल खदान में रेस्क्यू का कार्य जारी है और मलबे में फंसी मशीनों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।

Author: Shivam Verma
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