Gorakhpur News: यूपी का गोरखपुर अब सिर्फ धार्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि अब इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट का बड़ा केंद्र भी बनता जा रहा है। एथेनॉल उत्पादन के मामले में शहर की धमक पूरे प्रदेश में सुनाई देने लगी है। जहां पहले से दो यूनिट में उत्पादन जारी है, दो और निर्माणाधीन हैं, अब पांचवीं यूनिट की नींव रखने की तैयारी हो चुकी है।
इस दिशा में सबसे ताज़ा और बड़ा अपडेट यह है कि सुपीरियर ग्रुप ने गोरखपुर में एथेनॉल प्लांट और चीनी मिल स्थापित करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल और चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एस.के. अग्रवाल ने सीएम से विस्तार से बात की। इस मुलाक़ात के बाद गोरखपुर में एक और बड़े निवेश की राह खुल गई है।
धुरियापार में 20 एकड़ जमीन पर बनेगा नया प्लांट
सुपीरियर ग्रुप की नजर इस बार धुरियापार पर है। लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तेजी से तैयार हो रहा है, जिससे लोकेशन की कनेक्टिविटी भी बेहतरीन है। एस.के. अग्रवाल के मुताबिक, गीडा की तुलना में धुरियापार में जमीन की कीमत आधी है, जिससे यहां निवेश और भी फायदेमंद बनता है।
यह नया प्रोजेक्ट लगभग 1000 करोड़ रुपये का होगा और इससे 300 से 500 लोगों को सीधा रोजगार मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने गीडा प्रशासन से 20 एकड़ जमीन की मांग की है। गीडा के सीईओ अनुज मलिक ने भरोसा दिलाया है कि उद्योग के लिए जमीन की कोई कमी नहीं है और जल्द ही भूखंड का आवंटन शुरू किया जाएगा।
सरैया डिस्टिलरी नहीं बनी बात, नया प्लांट तय
हालांकि सरैया डिस्टिलरी को दोबारा शुरू करने को लेकर हुई बातचीत सकारात्मक नहीं रही। पहले यह सोचा जा रहा था कि 150 करोड़ रुपये के बैंक और कर्मचारियों के बकाया को चुकाकर पुरानी डिस्टिलरी को दोबारा चालू किया जाए, लेकिन बात नहीं बनी। अब ग्रुप नए सिरे से धुरियापार में नए प्लांट की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
एथेनॉल उत्पादन में उभरता गोरखपुर
गोरखपुर की एथेनॉल इंडस्ट्री को पिछले दिनों बड़ा बूस्ट मिला जब मुख्यमंत्री योगी ने केयान डिस्टिलरी का शुभारंभ किया। 1200 करोड़ की लागत से तैयार इस यूनिट की शुरुआती उत्पादन क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे तीन चरणों में बढ़ाकर 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक किया जाएगा।
इसके अलावा पिपराइच चीनी मिल में भी एथेनॉल उत्पादन शुरू होने वाला है। सरकार ने इस प्लांट के लिए 2025-26 के बजट में 90 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस डिस्टिलरी की क्षमता 60 हजार लीटर प्रति दिन की होगी।
बायो फ्यूल के क्षेत्र में भी तेजी
गोरखपुर में एथेनॉल के साथ-साथ बायो फ्यूल प्रोजेक्ट्स पर भी काम जारी है। इंडियन ऑयल की बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स योजना के तहत पहले चरण में 165 करोड़ रुपये की लागत से कम्प्रेस्ड बायो गैस (CBG) प्लांट का उद्घाटन हो चुका है। दूसरे चरण में एथेनॉल का उत्पादन शुरू किया जाएगा। वहीं, गीडा स्थित IGL में पहले से ही एथेनॉल उत्पादन चालू है।
अब वो समय दूर नहीं जब गोरखपुर सिर्फ धार्मिक या राजनीतिक पहचान के लिए नहीं, बल्कि अपने इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और खास तौर पर एथेनॉल हब के रूप में पूरे देश में जाना जाएगा। निवेश के लगातार बढ़ते मौके, स्थानीय युवाओं को रोजगार और मजबूत कनेक्टिविटी इसे भविष्य का नया औद्योगिक चमकता सितारा बना रहे हैं।

Author: Shivam Verma
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