Hapur News: हापुड़ जिले से एक बार फिर गोकशी और गोवंशी की खाल की अवैध तस्करी का मामला सामने आया है, जिसने जिले की कानून-व्यवस्था और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र में मंगलवार को हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने गोवंशी की खाल और अवशेषों से भरे एक ट्रक को पकड़कर उसमें आग लगा दी। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया, लेकिन इस पूरे प्रकरण ने यह उजागर कर दिया कि हापुड़ में गोवंशी अवशेषों का यह कारोबार लंबे समय से बेधड़क चल रहा था।
हापुड़ के रामपुर रोड से शुरू होता था खेल
जांच में सामने आया कि यह ट्रक हापुड़ के रामपुर रोड स्थित एक गोदाम से लोड होकर निकला था। यहां गोवंशी की खाल और अवशेषों को एकत्र किया जाता था और चमड़ा पैंठ में इनकी स्कैनिंग होती थी। इसके बाद इन्हें ट्रकों के माध्यम से पंजाब समेत अन्य राज्यों में भेजा जाता था। इस गोदाम में काम करने वाला हाशिम नामक कर्मचारी, जो कानपुर की सिल्वर ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा बताया जा रहा है, हर सप्ताह दो ट्रकों में यह सामग्री लादकर भेजता था।
ट्रक में ई-वे बिल सहित सभी दस्तावेज मौजूद थे, जिससे पुलिस को गुमराह किया जा सके। मंगलवार को हाशिम ने हापुड़ के पांच अलग-अलग स्थानों से गोवंशी की खाल ट्रक में लोड कराई थी, जिसे भोजपुर पुलिस ने हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन की आंखों के सामने चलता रहा अवैध धंधा
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रहे इस अवैध कार्य की भनक न तो पुलिस को लगी और न ही किसी अन्य विभाग को। रामपुर रोड पर स्थित चमड़ा पैंठ में न केवल हापुड़, बल्कि अन्य जिलों से भी गोवंशी के अवशेष लाए जा रहे थे। आरोप है कि पशुओं की खाल की कतरन की आड़ में यह कार्य किया जा रहा था।
जांच में यह भी सामने आया कि इस कारोबार में चमड़ा समिति के पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। इनके पास नगर पालिका से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की वैधता 31 मार्च 2025 को समाप्त हो चुकी थी और इसके नवीनीकरण की प्रक्रिया अब तक नहीं हुई थी। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि जिले में बड़े पैमाने पर गोकशी भी की जा रही थी।
जिम्मेदारों ने फौरी तौर पर झाड़ा पल्ला
घटना सार्वजनिक होने के बाद विभागों के बीच जिम्मेदारी का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने का दौर शुरू हो गया। पशुपालन विभाग, नगर पालिका, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और संबंधित अन्य विभागों ने कोई पूर्व कार्रवाई नहीं की थी। अब जब मामला मीडिया और जनसामान्य के सामने आया, तो सभी विभाग अपनी भूमिका से पल्ला झाड़ने में लगे हैं।
पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई शुरू
मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को पुलिस और प्रशासन की एक संयुक्त टीम ने रामपुर रोड स्थित चमड़ा पैंठ का निरीक्षण किया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ओमप्रकाश मिश्रा ने नगर कोतवाली में तहरीर दी, जिसमें सिल्वर ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड (कानपुर), अजय जिलेटिन फैक्ट्री (जीरकपुर, पंजाब), और कुरैशी दलित पैंठ समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि चमड़ा पैंठ में गोवंशी की खाल की स्कैनिंग की जा रही थी और इन्हें ट्रकों के माध्यम से पंजाब भेजा जा रहा था। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित संस्था के पास नगर पालिका का वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था, जिसकी वैधता पहले ही समाप्त हो चुकी थी।
पुलिस का बयान
नगर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है। रिपोर्ट में तीन संस्थाओं – मैसर्स सिल्वर ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स अजय जिलेटिन फैक्ट्री और कुरैशी दलित पैंठ समिति को नामजद किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की बात कही जा रही है।

Author: Shivam Verma
Description