Lucknow News: उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर क्राइम टीम (एसटीएफ) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए साइबर धोखाधड़ी के एक संगठित गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह डिजिटल आर्ट, शेयर मार्केट/इन्वेस्टमेंट, टैक्स, गेमिंग आदि के नाम पर कॉरपोरेट बैंक खाते किराए पर लेकर साइबर ठगी कर रहा था।
कब हुई गिरफ्तारी?
28 मार्च की रात करीब 11:50 बजे, एसटीएफ की टीम ने लखनऊ के गोमतीनगर स्थित फुटपाथ मार्केट के पास छापेमारी कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गिरोह का मुखिया अब्दुल मोइद (लखनऊ निवासी) भी शामिल है। पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान 11 मोबाइल फोन, 18 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 2 पासबुक, 1 ब्लैक पास, 3 आधार कार्ड, 3 पैन कार्ड, 1 डीएल, 1 वोटर आईडी कार्ड, 52 व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट (साइबर ठगी से जुड़े एपीएस फाइल, पोस्टिंग और कॉरपोरेट बैंक खातों की जानकारी) और 34,500 रुपये नकद बरामद किए। इसके अलावा दो कारें (यूपी 32 जीसी 1001 और यूपी 32 टीएस 6888) भी जब्त की गईं।
ऐसे लगाते थे चूना
जांच के दौरान पता चला कि अब्दुल मोइद ने एक कंपनी के बैंक खाते की जानकारी हासिल कर उसमें से 48 लाख रुपये निकाल लिए। इसके बाद करीब 3,200 लेन-देन के जरिए यह रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी गई। जब कंपनी ने बैंक से संपर्क किया तो पता चला कि यह साइबर ठगी का मामला है।
पूछताछ में पता चला कि अब्दुल मोइद 2017 से ही साइबर ठगी में शामिल था। वह पहले NET की तैयारी कर रहा था, लेकिन सफल नहीं हो पाया। 2022 में उसकी मुलाकात एक शेयर मार्केट के नाम पर ठगी करने वाले शुभम ठाकुर से हुई, जिसने उसे महीने में 1 लाख पर 12 हजार रुपये का रिटर्न देने का झांसा दिया। मोइद ने खुद और अपने जान-पहचान के लोगों से 60 लाख रुपये जुटाकर शुभम को दिए, लेकिन दो महीने बाद शुभम रुपये लेकर फरार हो गया। इसके बाद मोइद ने साइबर ठगी शुरू कर दी।
मोइद ने अपने साथियों विकास मेहता, यासीन अहमद, सैयद अली, पुष्पेंद्र सिंह और विजय कुमार के साथ मिलकर कॉरपोरेट बैंक खातों की जानकारी जुटाई और उन्हें हैक करके पैसे निकालने का धंधा शुरू किया। इस गिरोह ने कई बैंक खातों का इस्तेमाल करके लाखों रुपये की ठगी की।
पुलिस का बयान
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और इस पर नजर रखी जा रही थी। तकनीकी विश्लेषण और गुप्त सूचनाओं के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और साइबर क्राइम से जुड़े कानूनों के तहत कार्रवाई की जा रही है।
यूपी एसटीएफ़ द्वारा जारी की गयी प्रैस नोट –

Author: Shivam Verma
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