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Makar Sankranti 2025: इन कार्यों के लिए बहुत शुभ है मकर संक्रांति, इस दिन बन रहे है ये शुभ संयोग

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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। ग्रहों के राजा सूर्य देव जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस बार माघ कृष्ण चतुर्थी में पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र के युग्म संयोग में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।

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इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य का भी बहुत महत्व होता है। साथ ही पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी सहित सभी चीजों की खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है।

गंगा स्नान का महत्व (kya hei ganga snaan ka mahatw)

  • मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से जन्म और पुनर्जन्म दोनों जाते हैं।
  • इस दिन स्नान करने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
  • इस दिन गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और अक्षय पुण्यों का फल मिलता है।
  • गंगा स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ और 1,000 गाय दान करने के बराबर पुण्य मिलता है।
  • मां गंगा को प्रेम भाव से एक फूल अर्पित करने से वह प्रसन्न हो जाती हैं और व्यक्ति के पाप और कष्टों को हर लेती हैं।
  • मकर संक्रांति पर पानी में तिल का तेल डालकर स्नान करना अच्छा माना जाता है. इससे शरीर में खून का संचरण अच्छा होने लगता है।
Makar Sankranti: गंगा स्नान का महत्व
Makar Sankranti: गंगा स्नान का महत्व

मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद पितरों का तर्पण और दान करना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन सुखी होता है. इस दिन गेहूं, गुड़, तिल, गरम कपड़े, अनाज आदि का दान किया जाता है.

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सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ

मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देना शुभ व उन्नतिकारक होता है। इस दिन सूर्य को जल देने से मानसिक शांति, आर्थिक उन्नति व मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
सूर्य को जल देने से रोग, शोक दूर होने के साथ प्रखर बुद्धि, ऐश्वर्य व मुख मंडल पर दिव्य तेज आता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाते हैं।
उत्तरायण के इस अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायण को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है।
सूर्य छह माह दक्षिणायण और छह माह उत्तरायण रहते हैं।
सूर्य के उत्तरायण होने से मनुष्य की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।

Makar Sankranti 2025: सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ
Makar Sankranti 2025

पिता-पुत्र से संबंधित है मकर संक्रांति का पर्व

मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश कर एक मास निवास करते हैं। इससे यह पर्व पिता व पुत्र की आपसी मतभेद को दूर करने तथा अच्छे संबंध स्थापित करने की सीख देता है।

पिता-पुत्र से संबंधित है मकर संक्रांति का पर्व

सूर्य के मकर राशि में आने पर शनि से संबंधित वस्तुओं के दान व सेवन से सूर्य के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। कुंडली में उत्पन्न अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से लाभ मिलता है।
मकर संक्रांति को कई अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। कुछ जगहों पर इसे संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी जैसे नाम से जाना जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने और दान करने का भी बहुत महत्व है।

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