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Pratapgarh News: प्रतापगढ़ के नवविवाहित जोड़े का 13 दिन बाद भी सुराग नहीं, पिता लौटे घर तो टूटा मातम

No trace of the newly married couple even after 13 days
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Pratapgarh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से हनीमून मनाने सिक्किम गए नवविवाहित जोड़े कौशलेंद्र प्रताप सिंह (29) और उनकी पत्नी अंकिता सिंह (26) की 13 दिन बाद भी कोई खबर नहीं मिल सकी है। 29 मई को गंगटोक से लौटते समय उनका वाहन 1000 फीट गहरी खाई में गिरकर तीस्ता नदी में समा गया था। अब तक की तलाश में दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है।

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घटना की सूचना मिलने के बाद लड़के के पिता शेर बहादुर सिंह, रिश्तेदारों के साथ खुद सिक्किम पहुंचे थे, लेकिन तमाम कोशिशों और स्थानीय प्रशासन की मदद के बावजूद जब कोई ठोस जानकारी नहीं मिली तो मंगलवार शाम वे मायूस होकर घर लौट आए।

“मलबे के नीचे क्या है, कोई नहीं जानता”

राहाटीकर गांव निवासी शेर बहादुर सिंह जब अपने परिजनों के साथ घर लौटे तो गांव में मातमी सन्नाटा छा गया। घर पर मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। खुद शेर बहादुर बार-बार रोते हुए उस भयावह मंजर को याद कर रहे थे जो उन्होंने तीस्ता नदी के किनारे देखा था। उन्होंने बताया कि मलबों और चट्टानों के बीच खोजबीन बेहद कठिन है, लेकिन फिर भी SDRF, NDRF और सेना की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।

उन्होंने कहा, “चुंगथांग से आठ किलोमीटर तक तलाशी ली जा रही है, लेकिन अब तक बच्चों का कोई सामान तक नहीं मिला। सिर्फ गाड़ी का साइलेंसर, एक पहिया और कुछ कपड़े बरामद हुए हैं, लेकिन उनमें कोई भी कपड़ा कौशलेंद्र का नहीं निकला।”

हादसे की पुष्टि, लेकिन उम्मीदें अब भी जिंदा

गंगटोक में जिस वाहन से कौशलेंद्र और अंकिता लौट रहे थे, वह 29 मई की रात करीब 9 बजे भारी बारिश के चलते मुंशीथांग के पास 1000 फीट गहरी खाई में गिर गया था। उसमें 11 सैलानी सवार थे। एक की मौत हो गई, दो घायल हैं और आठ लोग लापता हैं। शेर बहादुर सिंह और अन्य परिजनों ने घायल सैलानियों से मुलाकात की और तस्वीरें दिखाकर यह पुष्टि की कि कौशलेंद्र और अंकिता भी उसी गाड़ी में सवार थे।

नदियों के बहाव में दब गए हैं अरमान

घटना के बाद शेर बहादुर सिंह अंकिता के भाई सौरभ सिंह, चाचा और साले दीपक के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वहां बारिश और मौसम की खराबी के कारण तलाशी में भारी परेशानी आई। अब जब मौसम थोड़ा साफ हुआ है, तब भी नदी के बहाव और मलबों के कारण तलाशी बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

आस्था का सहारा: महामृत्युंजय जाप

गांव में दोनों परिवारों की ओर से बच्चों की सलामती के लिए धार्मिक अनुष्ठान भी किए जा रहे हैं। कौशलेंद्र के बड़े पिता उम्मेद सिंह ने बताया कि बुधवार से मां दुर्गेश्वरी धाम, राहाटीकर में 51 हजार महामृत्युंजय मंत्रों का जाप शुरू किया जाएगा, जो पांच दिनों तक चलेगा। इससे पहले भी 24 घंटे तक ‘ऊँ नमः शिवाय’ का जाप किया गया था।

शादी के कुछ दिन बाद ही टूटी खुशियों की डोर

धनगढ़ सराय छिवलहा गांव निवासी राजेश सिंह उर्फ डब्बू की बेटी अंकिता की शादी 5 मई को राहाटीकर गांव के रहने वाले कौशलेंद्र सिंह से हुई थी। 9 मई को विदाई हुई थी। शादी के महज दो हफ्ते बाद 24 मई को दोनों हनीमून के लिए सिक्किम रवाना हुए। और फिर 29 मई की रात को ये दुखद हादसा हो गया।

शेर बहादुर सिंह ने बताया कि उन्होंने सिक्किम के डीजीपी से दो बार मुलाकात की और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व राज्यपाल से भी संपर्क किया। इसके बाद राहत और बचाव कार्यों में कुछ तेजी जरूर आई। स्थानीय अधिकारी अब हर दिन की रिपोर्ट साझा कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी सकारात्मक खबर का इंतजार बना हुआ है।

इकलौता बेटा… और अब उम्मीद का दामन थामे परिवार

कौशलेंद्र अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनके न मिलने से मां-बाप का सहारा ही जैसे छिन गया है। पूरे गांव में शोक की लहर है, लेकिन परिजन अब भी किसी चमत्कार की उम्मीद में हैं कि कहीं से कोई सूचना मिले, कोई सुराग मिले, और उनके लाल और बहू सही-सलामत लौट आएं।

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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