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Russia Ukraine War: ट्रंप और पुतिन की बातचीत से युद्धविराम की जगी उम्मीद, क्या स्थायी रूप से रुकेगा युद्ध

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Russia Ukraine War: यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई। इस वार्ता के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और दोनों पक्ष युद्धविराम पर सहमति की दिशा में बढ़ रहे हैं।

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ट्रंप का दावा: युद्ध कभी शुरू नहीं होता अगर मैं राष्ट्रपति होता

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा, “राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरी बातचीत बेहद प्रोडक्टिव रही। हमने ऊर्जा और बुनियादी ढांचे पर तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। साथ ही, हम पूर्ण युद्धविराम की दिशा में तेज़ी से काम करेंगे। अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता!”

उन्होंने आगे कहा कि वार्ता में हजारों सैनिकों की मौत और युद्ध की विभीषिका पर भी चर्चा हुई। “राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की, दोनों इस युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं, और हम इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएंगे ताकि मानवता की रक्षा की जा सके,” ट्रंप ने कहा।

रूस ने 30 दिनों तक ऊर्जा ठिकानों पर हमले न करने पर जताई सहमति

व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप और पुतिन के बीच लगभग 90 मिनट तक चर्चा चली। इसके बाद रूस ने बयान जारी कर कहा कि उसने अगले 30 दिनों तक यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमले न करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा, ब्लैक सी (काला सागर) में जहाजों की सुरक्षा को लेकर भी बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी।

युद्धबंदियों की अदला-बदली और मानवीय राहत पर जोर

रूस और यूक्रेन 19 मार्च को 175 युद्धबंदियों की अदला-बदली करेंगे। इसमें गंभीर रूप से घायल 23 यूक्रेनी सैनिक भी शामिल हैं, जिनका फिलहाल रूस में इलाज चल रहा है। रूस ने इस दौरान यूक्रेनी सेनाओं की गतिविधियों को भी सीमित करने की मांग रखी है।

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रूस की शर्तें: दीर्घकालिक शांति की जरूरत

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध को अस्थायी रूप से रोकने पर सहमति तो जताई है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी युद्धविराम का उद्देश्य दीर्घकालिक शांति होना चाहिए। उन्होंने पश्चिमी देशों से व्यापक सुरक्षा समझौते की मांग की, जिसमें यूक्रेन को नाटो (NATO) सदस्यता न देने की शर्त भी शामिल है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने रूस पर छोड़ा फैसला

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अब गेंद रूस के पाले में है। उन्होंने कहा, “अब यह रूस पर निर्भर करता है कि वह युद्धविराम को कितनी गंभीरता से लेता है और दीर्घकालिक शांति के लिए क्या कदम उठाता है।”

क्या युद्धविराम की दिशा में बढ़ेगा रूस?

जनवरी के बाद यह पहला मौका था जब ट्रंप और पुतिन ने इस मुद्दे पर बातचीत की। इस दौरान अमेरिका और सऊदी अरब की मध्यस्थता में एक दिन की लंबी वार्ता हुई थी, जिसके बाद यूक्रेन-अमेरिका युद्धविराम समझौते की घोषणा की गई थी। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि रूस इस पहल को किस रूप में आगे बढ़ाता है।

इस वार्ता ने युद्धविराम की उम्मीदों को एक नया बल दिया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या यह प्रयास कोई ठोस नतीजा ला पाएगा या नहीं।

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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