Bulandshahr News: एक बार फिर बुलंदशहर भ्रूण लिंग परीक्षण जैसे संवेदनशील और गैरकानूनी कार्य का केंद्र बन गया है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डिकॉय पेशेंट की मदद से जिले के आवास विकास क्षेत्र में चल रहे अवैध भ्रूण लिंग परीक्षण रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में मौके से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन सहित अन्य सामान जब्त किया गया है।
छापेमारी की पूरी कहानी
हरियाणा के झज्जर जिले से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम, सिविल सर्जन डॉ. संदीप कुमार के नेतृत्व में दो ईएमओ के साथ बुलंदशहर पहुंची। टीम ने एक डिकॉय पेशेंट के सहारे रैकेट तक पहुंचने की रणनीति बनाई थी। बुलंदशहर के ACMO डॉ. गौरव सक्सेना की अगुवाई में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की टीम भी इस कार्रवाई में शामिल रही।
डॉ. गौरव ने बताया कि दलाल ने डिकॉय पेशेंट को पहले स्याना अड्डे पर बुलाया। इसके बाद कई जगहों पर घुमाने के बाद उसे आवास विकास प्रथम स्थित एक मकान पर ले जाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार उनका पीछा कर रही थी। आखिरकार जैसे ही यह गिरोह भ्रूण लिंग परीक्षण की तैयारी कर रहा था, टीम ने छापा मार दिया।
गिरफ्तारी और जब्ती
मौके से विवेक, परविंदर, अमित कुमार सक्सेना, शिवम और अजय नाम के पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। इनके पास से एक पोर्टेबल USG (अल्ट्रासाउंड) मशीन, 18,000 रुपये नकद और चार बाइक भी जब्त की गईं। गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में FIR दर्ज की जा रही है।
CMO डॉ. अनिल दोहरे ने बताया कि यह गिरोह भ्रूण लिंग जांच के एवज में ₹40,000 से ₹80,000 तक की भारी रकम वसूलता था। मौके पर मिले मकान मालिक ने दावा किया कि उसने यह मकान ‘राहुल’ नामक व्यक्ति को किराए पर दिया था और उसे इस अवैध गतिविधि की जानकारी नहीं थी।
हरियाणा की टीम ने पहले भी किया है खुलासा
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब हरियाणा की टीम ने बुलंदशहर में आकर भ्रूण लिंग परीक्षण के धंधे का भंडाफोड़ किया है। इससे पहले भी गुलावठी, खुर्जा, शिकारपुर जैसे क्षेत्रों में इसी तरह की कार्रवाई में मशीनें और दलाल पकड़े गए हैं। खास बात यह है कि इन सभी मामलों में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की भूमिका या तो सीमित रही है या फिर उन्हें भनक तक नहीं लगी।
भारत में PCPNDT अधिनियम के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण सख्त रूप से प्रतिबंधित है। यह कानून भ्रूण हत्या को रोकने के उद्देश्य से बनाया गया था, ताकि समाज में लड़का-लड़की के अनुपात को संतुलित रखा जा सके। बावजूद इसके, कई जगहों पर इस तरह की अवैध गतिविधियां लगातार सामने आ रही हैं।

Author: Shivam Verma
Description