Etawah News: इटावा जिले के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र के पहाड़पुरा गांव में मंगलवार की सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक घर में दुर्लभ प्रजाति का नारंगी रंग का सांप घुस आया। इस सांप की खासियत थी इसका काला सिर और पूरे शरीर पर फैले काले धब्बे। इसे देखकर घर की गृहणी माधुरी के तो होश ही उड़ गए। चाय बनाते समय गैस चूल्हे के नीचे उन्हें यह पांच फीट लंबा विचित्र सांप दिखा, जो डरावनी आवाजें भी निकाल रहा था।
चीख-पुकार मचते ही सांप घर के कोने में रखे भूसे के बोरे के नीचे छिप गया। देखते ही देखते यह खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। लोगों का हुजूम उस घर की ओर उमड़ पड़ा, हर कोई इस अनोखे सांप को देखने को बेताब था।
वन विभाग की सक्रियता ने टाला बड़ा खतरा
सांप के मिलने की सूचना पर गृहस्वामी धर्मेंद्र सिंह ने तत्काल सर्प विशेषज्ञ और वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता डॉ. आशीष त्रिपाठी से संपर्क किया। डॉ. आशीष मौके पर पहुंचे और अत्यंत सावधानी से सांप का सुरक्षित रेस्क्यू किया। वन विभाग की टीम – जिसमें वन दरोगा रविन्द्र कुमार मिश्रा, पशु रक्षक जयपाल सिंह राणा, भजन लाल और ब्रजेश शामिल थे – के सहयोग से इस दुर्लभ प्रजाति के सांप को जंगल में छोड़ दिया गया।
रेस्क्यू के बाद गांव में थोड़ी राहत तो जरूर मिली, लेकिन कई लोग अभी भी दहशत में थे। खासतौर पर महिलाएं और बच्चे दिनभर घर से बाहर निकलने में हिचकिचाते रहे। हालांकि, डॉ. आशीष ने मौके पर ही सभी को इस सांप के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि यह ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक नामक विषहीन सांप है, जो भारत के पश्चिमी रेतीले इलाकों में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Spalerosophis atriceps है।
इटावा में तीसरी बार दिखा यह सांप
डॉ. आशीष ने बताया कि इटावा में यह दुर्लभ सांप तीसरी बार दिखाई दिया है। यह सांप विषहीन होता है और इंसानों के लिए कोई खतरा नहीं होता। इसके बावजूद लोगों को जागरूक रहकर वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यह प्रजाति रात में सक्रिय होती है और आमतौर पर चट्टानों व झाड़ियों में पाई जाती है।
डॉ. आशीष ने मौके पर मौजूद ग्रामीणों को यह भी बताया कि अगर किसी को सर्पदंश हो तो वह किसी तरह के झाड़-फूंक या तंत्र-मंत्र में न पड़ें। तुरंत बंध लगाकर नजदीकी अस्पताल जाएं और इमरजेंसी वार्ड, कमरा नंबर 3 में इलाज कराएं। उनके अनुसार, सर्पदंश के मामलों में समय पर इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है।
सर्पदंश मुक्त इटावा का सपना
डॉ. आशीष त्रिपाठी, जो नगर पालिका परिषद इटावा के वन्यजीव संरक्षण ब्रांड एंबेसडर भी हैं, पिछले सात वर्षों से “ओशन” संस्था के माध्यम से सर्पदंश जागरूकता अभियान चला रहे हैं। उनका सपना है कि इटावा को उत्तर प्रदेश का पहला सर्पदंश मुक्त जनपद बनाया जाए। अब तक वे हजारों सांपों और अन्य वन्यजीवों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ चुके हैं।
इटावा में चल रहे इस अभियान का असर भी साफ दिखाई दे रहा है। अब लोग सांप काटने की स्थिति में झाड़-फूंक नहीं, बल्कि सीधे अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे न केवल लोगों की जान बच रही है बल्कि सरकार द्वारा घोषित आपदा राहत राशि का भी बड़ा हिस्सा बच रहा है। डॉ. आशीष का स्नेकबाइट हेल्पलाइन नंबर 7017204213 पर लोग सीधे संपर्क कर सकते हैं। उनकी मदद से सर्पदंश से मौत के मामलों में लगातार गिरावट आई है।

Author: Shivam Verma
Description