Gorakhpur News: गोरखपुर में हवाई सेवाओं के विस्तार को एक नई दिशा मिलने जा रही है। करीब 1172 करोड़ रुपये की लागत से एक नया अत्याधुनिक एयरपोर्ट बनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां तेज़ हो चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद गोरखपुर एयरपोर्ट की गिनती देश के प्रमुख हवाई अड्डों में होने लगेगी, जहां मुंबई, दिल्ली और लखनऊ जैसे शहरों जैसी सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
42 एकड़ में बनेगा नया टर्मिनल, एक साथ 2500 यात्री कर सकेंगे आवाजाही
एयरपोर्ट विस्तार की योजना के अनुसार, 42 एकड़ क्षेत्रफल में नया एयरपोर्ट विकसित किया जाएगा। इसमें 13 एकड़ में टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जाएगी, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगी। इस नए टर्मिनल की क्षमता ऐसी होगी कि प्रत्येक घंटे में दो से ढाई हजार यात्री यहां से आना-जाना कर सकेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, मल्टी-टर्मिनल सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जो वर्तमान में मौजूद एकल टर्मिनल के मुकाबले कहीं ज्यादा सुविधा जनक होगा। इसके अलावा, एयरपोर्ट की शहर से दूरी भी करीब एक किलोमीटर कम हो जाएगी। यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए अब नंदानगर के पास से होकर जाना होगा।
एयरफोर्स, एयरपोर्ट अथॉरिटी और प्रदेश सरकार के बीच समझौता
इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए एयरफोर्स, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) हो चुका है। पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है, जिससे परियोजना के जल्द शिलान्यास की संभावना और बढ़ गई है। डिज़ाइन भी तैयार हो चुका है और अब जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
एक साथ 10 जहाज होंगे पार्क, 1500 यात्री चेक-इन/आउट की सुविधा
नए एयरपोर्ट में एक साथ 10 विमानों के खड़े होने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, एयरपोर्ट का विस्तार तीन दिशाओं में किया जाएगा, जिससे एक बार में 1500 यात्री चेक-इन या चेक-आउट कर सकेंगे। इस विस्तार से न केवल गोरखपुर, बल्कि पूर्वांचल और बिहार के यात्रियों को भी बड़ी राहत मिलेगी, जो अब तक उड़ानों के लिए गोरखपुर पर ही निर्भर हैं।
24 घंटे उड़ानों को मिलेगी मंजूरी
एक और बड़ी सुविधा की बात करें तो, गोरखपुर एयरपोर्ट को 24 घंटे उड़ानों के संचालन की मंजूरी मिलने वाली है। वर्तमान में केवल रात 9 बजे तक ही विमान उड़ान भर सकते हैं, जिससे उड़ानों की संख्या सीमित रहती है। लेकिन अब डीवीओआर सिस्टम के सक्रिय हो जाने से दिन-रात उड़ान भरने की सुविधा संभव हो सकेगी। इससे विमानों की संख्या में इज़ाफा होगा और गोरखपुर एयरपोर्ट भी लखनऊ और वाराणसी एयरपोर्ट की बराबरी पर आ जाएगा।
कुशीनगर एयरपोर्ट बंद, गोरखपुर बन रहा विकल्प
गौरतलब है कि कुशीनगर का इंटरनेशनल एयरपोर्ट फिलहाल संचालन में नहीं है। ऐसे में पूर्वांचल और आसपास के बिहार के यात्रियों को गोरखपुर से ही उड़ान भरनी पड़ती है। इस वजह से गोरखपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों का भार लगातार बढ़ रहा है और इसी को देखते हुए इसका तेजी से विस्तार किया जा रहा है।

Author: Shivam Verma
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