Lucknow News: भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे 2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ‘इन्वेस्ट यूपी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पद से निलंबित होने के बाद अब वे विजिलेंस जांच के दायरे में आ गए हैं। शासन के आदेश पर उनकी पूरी संपत्ति की विस्तृत जांच की जाएगी। आरोप है कि उन्होंने बरेली, पीलीभीत, हमीरपुर और लखनऊ सहित कई जिलों में पदस्थापना के दौरान अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की। विजिलेंस टीम अब इन संपत्तियों का ब्यौरा इकट्ठा कर रही है।
सस्पेंशन के बाद शुरू हुई विजिलेंस जांच
गौरतलब है कि आईएएस अभिषेक प्रकाश को यूपी सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ का सीईओ नियुक्त किया था, लेकिन सौर ऊर्जा निवेशक से जुड़ी भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते उन्हें बीते गुरुवार को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में एक बिचौलिए को भी गिरफ्तार किया गया था। अब उनके खिलाफ कई अन्य भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू हो चुकी है। विजिलेंस विभाग उनकी अचल संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन की गहराई से जांच कर रहा है।
जहां तैनाती, वहीं संपत्ति
मिली जानकारी के अनुसार, अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने जहां भी तैनाती पाई, वहीं पर संपत्तियां खरीदीं। लखीमपुर और बरेली में तैनाती के दौरान उन्होंने लगभग 700 बीघा जमीन खरीदी। वहीं, लखनऊ के जिलाधिकारी रहते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष का पद भी उनके पास था। इस दौरान लखनऊ में भी उन्होंने कई बंगले खरीदे और बनाए। इसके अलावा, उन पर ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री के नाम पर 20 करोड़ रुपये के घोटाले का भी आरोप है।
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अभिषेक प्रकाश विभिन्न जिलों जैसे लखनऊ, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी, बरेली और हमीरपुर में जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत रह चुके हैं। उन पर अलीगढ़ में जमीन खरीद-फरोख्त में धांधली, लखीमपुर में सरकारी टेंडरों में हेरफेर, और हमीरपुर में खनन माफियाओं से साठगांठ के आरोप लग चुके हैं।

Author: Shivam Verma
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