Barabanki News: उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक ओर प्राथमिक शिक्षा को सुधारने और सरकारी स्कूलों की छवि निखारने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर बाराबंकी जिले के एक स्कूल से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो सरकारी प्रयासों पर सवाल खड़े कर रही है। जिले के मसौली ब्लॉक अंतर्गत याकूतगंज गांव स्थित आदर्श अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से झाड़ू लगवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
बच्चों से कराई जा रही सफाई
वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नन्हे-मुन्ने छात्र हाथों में झाड़ू लिए स्कूल परिसर की सफाई कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब पढ़ाई का समय है, तो बच्चे सफाई क्यों कर रहे हैं? स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि इस विद्यालय में तैनात शिक्षक अक्सर समय पर नहीं पहुंचते। कई बार तो ऐसा भी होता है कि पूरे दिन स्कूल में कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं होता।
एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “बच्चे स्कूल आते हैं, लेकिन शिक्षक गायब रहते हैं। ऊपर से बच्चों से झाड़ू-पोछा भी करवाया जाता है। ये शिक्षा है या मज़ाक?”
सवालों के घेरे में स्कूल व्यवस्था
बच्चों को विद्यालय में पढ़ने और खेलने का अधिकार है, न कि परिश्रम करवाने का। मगर इस वीडियो में जो दृश्य सामने आया है, उसने पूरे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अभिभावकों में भी इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है।
एक अभिभावक ने कहा, “अगर हमारे बच्चों को स्कूल भेजकर उनसे सफाई ही करानी है, तो फिर शिक्षा का क्या मतलब? क्या यही है आदर्श विद्यालय?”
प्रशासन ने लिया संज्ञान
मामला जब मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए अधिकारियों तक पहुंचा, तो जिला समाज कल्याण अधिकारी अभिलाषा त्रिपाठी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों से शारीरिक परिश्रम करवाना पूरी तरह से गलत है।
उन्होंने कहा, “बच्चों से सफाई करवाना बाल अधिकारों का उल्लंघन है। हम इस मामले की जांच करा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

Author: Shivam Verma
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